डार्क वेब पर ऐसे लोगों की सूची भी मिल जाएगी, जिन्हें आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। और हां, आप अपने प्रोजेक्ट को मैनेज करने के लिए बाकायदा डैशबोर्ड का प्रयोग कर सकेंगे तथा कोई समस्या होने पर कस्टमर केयर का लाभ भी उठा सकेंगे।
इंटरनेट पर मौजूद ‘डार्क वेब’ कुख्यात है, तो सरकारी संस्थानों, एजेंसियों और एक्टिविस्टों की वजह से नहीं। वह कुख्यात है साइबर अपराधियों और दूसरे खतरनाक तत्वों की गतिविधियों के कारण, जो यहां पर लगभग बेखौफ होकर अपना काम चला रहे होते हैं। आपने जब भी इसके बारे में कोई खबर पढ़ी या सुनी होगी, तो 90 प्रतिशत संभावना यही है कि यह किसी आपराधिक घटना की वजह से सुनी होगी। यही वह बाजार है, जहां पर बड़ी-बड़ी कंपनियों, बैंकों और सरकारी संस्थानों से लीक होने वाला डेटा कौड़ियों के दाम बिक रहा होता है। दिसंबर 2022 में यहां पर करीब 50 लाख लोगों का डेटा बेचा जा रहा था, जिनमें करीब छह लाख भारतीयों का संवेदनशील डेटा था। कीमत थी 490 रुपये प्रति व्यक्ति।
यही वह जगह है, जहां रेन्समवेयर संचालित करने वाले लोग सक्रिय हैं, जो सरकारों से लेकर आम आदमी तक के कंप्यूटर में फाइलें लॉक (एनक्रिप्ट) कर देते हैं और फिर उन्हें अनलॉक करने के लिए क्रिप्टोकरेन्सी में फिरौती मांगते हैं। क्रिप्टोकरेंसी इसलिए कि उस पर भी सरकारों का नियंत्रण नहीं है और उसके लेन-देन का हिसाब हमारे बैंकों के सिस्टम में नहीं होता। यहां पर हैक किए गए ईमेल एड्रेस से लेकर चुराए गए क्रेडिट कार्डों का ब्योरा, आनलाइन खातों के लॉगिन विवरण से लेकर सोशल मीडिया के अनगिनत खातों का डेटा मिल जाता है।
लोगों की सेहत, दाम्पत्य जीवन, जमीन-जायदाद वगैरह का कच्चा चिट्ठा भी यहां मिल सकता है। लोग आपकी मेडिकल पहचान चुराकर यहां बेच देते हैं, जिसमें आपके स्वास्थ्य की जानकारी, आपके स्वास्थ्य परीक्षणों की रिपोर्ट, एक्सरे-एमआरआई-सीटी स्कैन आदि के चित्र और रिपोर्ट, अस्पतालों के बिल, डॉक्टरों के पर्चे, आपकी उंगलियों के निशान व फोटो भी हो सकते हैं।
बड़े संस्थानों के गोपनीय दस्तावेज भी चुराए जाने के बाद यहीं पहुंचते हैं और बड़े-बड़े शोध तथा आविष्कारों के चुराए गए विवरण भी। करोड़ों रुपये के सॉफ्टवेयरों का कोड कुछ हजार रुपये में मिल जाएगा, तो अपराधियों की मदद के लिए पूरी की पूरी टूलकिट्स मिल जाएंगी, जिसमें लोगों के पासपोर्ट की प्रतियां, ड्राइवर लाइसेंस की प्रतियां, बैंक ड्राफ्ट, पहचान पत्र, सोशल सिक्योरिटी कार्ड, फोन नंबर आदि भी होंगे। अपने या दूसरों के फर्जी दस्तावेज बनवाने हैं, तो वैसी सेवाएं देने वाले पेशेवर भी यहां मिलेंगे, तो आपकी कंपनी के प्रतिद्वंद्वी संस्थान की खुफिया जानकारी भी।
यही नहीं, लोगों की सेहत, दाम्पत्य जीवन, जमीन-जायदाद वगैरह का कच्चा चिट्ठा भी यहां मिल सकता है। लोग आपकी मेडिकल पहचान चुराकर यहां बेच देते हैं, जिसमें आपके स्वास्थ्य की जानकारी, आपके स्वास्थ्य परीक्षणों की रिपोर्ट, एक्सरे-एमआरआई-सीटी स्कैन आदि के चित्र और रिपोर्ट, अस्पतालों के बिल, डॉक्टरों के पर्चे, आपकी उंगलियों के निशान व फोटो भी हो सकते हैं।
डार्क वेब के भीतर बाकायदा खतरनाक काम करने वाले अपराधियों के बाजार भी चलते हैं जो नशीले पदार्थों की तस्करी, धन को यहांसे वहां पहुंचाने और लोगों की हत्या के लिए सुपारी लेने वाले भी मौजूद हैं। यहां आतंकवादी और माफिया के लिए हथियारों की बुकिंग होती है और हैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले रेडीमेड सॉफ्टवेयर भी बेचे जाते हैं। आप खुद खरीदकर किसी को हैक नहीं करना चाहते तो ऐसी सेवाओं को किराए पर ले सकते हैं। काम आपका, करामात किसी और की। जैसे किसी और की जमीन पर किसी और से बटाई पर खेती करवा ली जाए और फायदा आप उठा लें।
वायरस निर्माता चाहें तो डार्क वेब पर मौजूद नेटवर्कों के लिए पैसे दें और दुनिया भर में अपना वायरस फैला दें। यहां नौसिखुआ साइबर अपराधियों के लिए प्रशिक्षण भी उपलब्ध है। और तो और, अगर इन नौसिखुआ साइबर अपराधियों के पास निशाना बनाने के लिए लोग उपलब्ध नहीं है, तो डार्क वेब पर ऐसे लोगों की सूची भी मिल जाएगी, जिन्हें आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। और हां, आप अपने प्रोजेक्ट को मैनेज करने के लिए बाकायदा डैशबोर्ड का प्रयोग कर सकेंगे तथा कोई समस्या होने पर कस्टमर केयर का लाभ भी उठा सकेंगे। (लेखक माइक्रोसॉफ्ट एशिया में डेवलपर मार्केटिंग के प्रमुख हैं)
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