नई दिल्ली । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के 75वें वर्ष में आयोजित हो रहे चार-दिवसीय 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद सी.आर. ने ‘वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत एवं युवाओं की भूमिका’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक परिदृश्य में यदि भारत को अपना स्थान बनाना है तो युवाओं का सतत् प्रवाहमान रहना आवश्यक है, हमने अब तक जितना भी कार्य किया उससे कहीं ज्यादा प्रयास की आवश्यकता शेष है।
देश का भविष्य वैसे होता है जैसा युवाशक्ति सोचती है युवाशक्ति का सशक्त होना अत्यंत ही आवश्यक है युवाओं में मूल्यों का विकास हो राष्ट्रीय मूल्य स्थापित हो इस दिशा में युवाओं को ठीक से सोचने की आवश्यकता है। जिस प्रकार से डिजिटलाइजेशन का उपयोग भारत में हो रहा है, वैसा उपयोग अन्य कहीं नहीं दिखता। भारत में स्टार्टअपों द्वारा इन्वेस्टमेंट बढ़ा है।
गतिशील वैश्विक परिदृश्य में,भारत चार महत्वपूर्ण बदलावों जैसे आपूर्ति श्रृंखला, जनसांख्यिकीय,हरित ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में है। भारत को विश्व गुरु बनाने में युवाओं की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण है, यदि युवा सही दृष्टि से प्रयास करते है तो समाज में सकारात्मकता से परिवर्तन होता है,यदि भारत की युवा पीढ़ी अपने शिक्षा और जीविकोपार्जन के लिए अन्य देशों में जाये तो वहां अपने व्यवहार,संस्कृति, आचार-विचार, चिंतन से भारतीय मूल्यों को स्थापित करने का प्रयास करें। एक सशक्त समाज के निर्माण में युवा पीढ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है,आज भारत विश्व मे सर्वाधिक युवाशक्ति वाला देश है और आने वाला समय भारत का है समाज देश की युवा पीढ़ी को तैयार रहने की आवश्यकता है।
नेपाल से आए विद्यार्थियों ने की सहभागिता
इस राष्ट्रीय अधिवेशन में भागीदारी करने वाले छात्र देश भर से ही नही बल्कि विदेश से भी आए है। नेपाल के छात्र संगठन प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद से आए हुए प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी इस अधिवेशन का भाग बने है। प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद की स्थापना 24 नवंबर 2052 विक्रम संवत को छात्र कल्याण के उद्देश्य से की गई थी। यह संगठन अभाविप का मित्र छात्र संगठन है। इस संगठन से एबीवीपी राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या कुल 98 है, जिसमें से 15 से अधिक प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद के उच्च पदाधिकारियों के रूप में कार्यरत है। इनमें कुछ प्रसिद्ध नाम नारायण प्रसाद ढकाल राष्ट्रीय संगठन मंत्री,विष्णु प्रसाद पंगिनी जी, राष्ट्रीय महासचिव जी के है।
नेपाल में अभी प्राज्ञिक विद्यार्थी परिषद 7 प्रांतों में विभाजित है। जिनमें 77 जिले के 115 से अधिक नगर इकाइयां है।
विद्यार्थी कार्यकर्ताओं ने बातचीत के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा की इस राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें भारत की एकात्मता एवं भारतीय इतिहास की नई झलक दिखी है, जो भारत के स्वर्णिम धरोहर की झलक प्रस्तुत करती है। इसी के साथ ही राष्ट्रीय अधिवेशन का मुख्य आकर्षण रही प्रदर्शनी को भी इस छात्र संगठन द्वारा सराहा गया है। इस संगठन की विशेष झलक हेतु स्थल पर पर्यटन प्रवर्धन कक्ष भी बनाया गया है। जहां इस संगठन के कार्यकर्ता पर्यटन संबंधित जानकारी प्रदान करते हुए नेपाल की पारंपरिक टोपी का भी विक्रय करेंगे ।
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