Sharmistha Mukherjee Book : पीएम मोदी को प्रखर राष्ट्रवादी मानते थे प्रणब मुखर्जी, राहुल को नहीं माना PM पद के काबिल
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

Sharmistha Mukherjee Book : पीएम मोदी को प्रखर राष्ट्रवादी मानते थे प्रणब मुखर्जी, राहुल को नहीं माना PM पद के काबिल

- शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार को लेकर किए बड़े खुलासे

by SHIVAM DIXIT
Dec 7, 2023, 04:16 pm IST
in भारत, पुस्तकें
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी की किताब प्रणव: माय फदर ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। इस किताब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कई खुलासे किए गए हैं। इस किताब में शर्मिष्ठा ने अपने पिता के हवाले से कई खुलासे किए गए हैं।

किताब में दावा किया है कि 2013 में राहुल गांधी द्वारा एक अध्यादेश की प्रति फाड़े जाने की घटना से वह (प्रणब) स्तब्ध रह गए थे। प्रणब मुखर्जी ने कहा था, उन्हें (राहुल के) खुद के गांधी-नेहरू परिवार का होने का घमंड है। किताब में दावा किया गया है कि यह घटनाक्रम 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ।

जिन्हें AM’ और ‘PM’ का नहीं पता वो कैसे चलाएंगे पीएमओ

प्रणब मुखर्जी के हवाले से किताब में कहा गया है, एक बार राहुल प्रणब मुखर्जी से मिलने सुबह सुबह पहुंच गए थे। उस वक्त वे मुगल गार्डन (अब अमृत उद्यान) में सुबह की सैर कर रहे थे। प्रणब को सुबह की सैर और पूजा के दौरान किसी भी तरह का व्यवधान पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने उनसे मिलने का फैसला किया। बाद में पता चला कि राहुल असल में शाम को प्रणब से मिलने वाले थे, लेकिन उनके (राहुल के) कार्यालय ने गलती से उन्हें सूचित कर दिया कि बैठक सुबह है। मैंने जब अपने पिता से पूछा, तो उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, अगर राहुल का दफ्तर ‘AM’ और ‘PM’ के बीच अंतर नहीं कर सकता है तो वह भविष्य में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को संचालित करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?

11 दिसंबर को लॉन्च होगी पुस्तक

शर्मिष्ठा मुखर्जी की ये किताब प्रणब मुखर्जी की जन्मतिथि यानी 11 दिसंबर को लॉन्च होने वाली है। इस किताब में प्रणब मुखर्जी की डायरी के पन्ने हैं, जिनमें उन्होंने समकालीन भारतीय राजनीति पर अपने विचार लिखे थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया। उन्होंने दशकों के शानदार राजनीतिक करियर में कई शीर्ष मंत्रालय संभाले। 2020 में उनका निधन हुआ। जिन वर्षों में राहुल गांधी अमेठी से सांसद के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू कर रहे थे। उस दौरान प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वित्त और रक्षा मंत्री थे।

राहुल गांधी की हरकतों से निराश थे प्रणब मुखर्जी

शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में इस बात का जिक्र किया है कि 2013 में राहुल गांधी राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी से मिलने गए थे। तब मुखर्जी ने उन्हें कैबिनेट में शामिल होने और शासन में कुछ प्रत्यक्ष अनुभव हासिल करने की सलाह दी थी लेकिन राहुल ने स्पष्ट रूप से सलाह पर ध्यान नहीं दिया।”  इसमें आगे कहा गया है, “25 मार्च 2013 को इनमें से एक यात्रा के दौरान, प्रणब ने कहा, ‘उन्हें (राहुल) विविध विषयों में रुचि है, लेकिन वे एक विषय से दूसरे विषय पर बहुत तेजी से आगे बढ़ते हैं। मुझे नहीं पता कि उन्होंने कितना सुना और आत्मसात किया।”

पुस्तक में शर्मिष्ठा मुखर्जी लिखती हैं, “कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल के बार-बार गायब रहने की हरकतों से निराश थे। खासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से समय नहीं निकाला। लगन से सभी आधिकारिक और पार्टी कार्यक्रमों में भाग नहीं लिया।”

बेटे को उत्तराधिकारी बनाने पर तुली थीं सोनिया गाँधी

प्रणब मुखर्जी के अनुसार, “सोनिया गाँधी अपने बेटे को उत्तराधिकारी बनाने पर तुली हुई हैं, लेकिन युवा व्यक्ति में करिश्मा और राजनीतिक समझ की कमी एक समस्या पैदा कर रही है। क्या वह कांग्रेस को पुनर्जीवित कर सकते हैं? क्या वह लोगों को प्रेरित कर सकते हैं? मुझे नहीं पता”।

अपने पिता की आलोचना पर टिप्पणी करते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी यह भी लिखती हैं: “हालांकि प्रणब मुखर्जी राहुल गांधी के आलोचक थे। ऐसा लगता था कि उन्होंने कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की उनकी क्षमता पर विश्वास खो दिया है, लेकिन एक बात निर्विवाद है। अगर प्रणब आज जीवित होते, तो उन्होंने निश्चित रूप से राहुल गांधी की सराहना की होती। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी का समर्पण, दृढ़ता और पहुंच… इसकी तारीफ जरूर की होती। 4,000 किलोमीटर से अधिक लंबी इस 145-दिवसीय यात्रा ने राहुल गांधी को एक नए राहुल गांधी के तौर पर पेश किया है।”

पीएम मोदी को प्रखर देशभक्त मानते थे प्रणब मुखर्जी

वहीं राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कितनी भी व्यक्तिगत और व राजनीतिक आलोचना करें, लेकिन कांग्रेस के सबसे बुद्धिमान, सक्षम और सम्मानित नेताओं में शामिल रहे पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का दृष्टिकोण पीएम मोदी को लेकर बिल्कुल अलग था। वह न सिर्फ मोदी की शासन करने की कला से प्रभावित थे, बल्कि आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में उन्हें प्रखर देशभक्त और राष्ट्रवादी भी मानते थे।

इससे न सिर्फ मोदी, बल्कि उस आरएसएस के प्रति भी प्रणब की सोच इंगित होती है, जिस पर राहुल सदैव हमलावर रहते हैं। अपनी पुस्तक में शर्मिष्ठा ने उल्लेख किया है कि बाबा (प्रणब) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर उनसे अपने विचार साझा किए। वह मानते थे- ‘इंदिरा गांधी के बाद नरेन्द्र मोदी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनमें जनता की नब्ज जल्द और सटीक समझने की क्षमता है।’

पूर्व राष्ट्रपति ने 23 अक्टूबर, 2014 को अपनी डायरी में भी लिखा था- ‘सियाचिन में जवानों और श्रीनगर में बाढ़ प्रभावितों के साथ दिवाली मनाने का प्रधानमंत्री का निर्णय उनकी राजनीतिक समझ के बारे में बताता है। ऐसी राजनीतिक समझ इंदिरा गांधी के अलावा किसी अन्य प्रधानमंत्री में देखने को नहीं मिली थी।’

प्रणब मानते थे कि पीएम मोदी के विचारों में बहुत स्पष्टता है और शासनकला को लेकर भी दृष्टिकोण बिल्कुल पेशेवर है। वह खुद को ‘सर्वज्ञाता’ मानने की बजाए हमेशा कुछ सीखने के प्रयास में नजर आते हैं। इसके साथ ही प्रणब ने डायरी में स्पष्ट लिखा- ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता के रूप में नरेन्द्र मोदी कट्टर देशभक्त और राष्ट्रवादी हैं।’

प्रणब दा के विचारों को काफी महत्व देते थे मोदी

शर्मिष्ठा ने किताब में उल्लेख किया है कि उनके पिता ने अपनी डायरी में यह भी लिखा था कि पीएम मोदी के साथ उनकी कई बार अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई। मोदी उनके विचारों को काफी महत्व देते थे और प्रणब उन्हें हमेशा पूर्ण सहयोग के लिए आश्वस्त करते थे।

कांग्रेस और गांधी परिवार के रवैये निराश हुए प्रणब मुखर्जी

कांग्रेस और गांधी परिवार के कुछेक रवैये से प्रणब मुखर्जी कितने निराश थे, इसका उल्लेख शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में किया है। उन्होंने लिखा है कि 2019 में प्रणब मुखर्जी को मोदी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया। उस समारोह में गांधी परिवार के शामिल नहीं होने से सभी अचंभित थे।

जब इस बारे में शर्मिष्ठा ने अपने पिता से चर्चा की तो उनका जवाब था- ”इसमें कौन सी बड़ी बात है? उन्होंने (गांधी परिवार) पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया था। उससे तो इसकी तुलना भी नहीं की जा सकती।’

 

Topics: शर्मिष्ठा मुखर्जी की किताबप्रणव मुखर्जी की बेटीPranab Daughter BookSharmistha Mukherjee Book on Pranab MukherjeeBook on Pranab MukherjeePranab My Father : Bookप्रणव: माय फदर
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies