Iran: पुलिस की करतूत से पशुता भी शर्मसार, हिजाब विरोधी बंदी महिलाओं से बलात्कार!
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Iran: पुलिस की करतूत से पशुता भी शर्मसार, हिजाब विरोधी बंदी महिलाओं से बलात्कार!

'एमनेस्टी' की रिपोर्ट बताती है कि पुलिस ने अपनी इस दमनकारी करतूत में पुरुषों और छोटी उम्र के लड़के-लड़कियों को भी नहीं बख्शा

by WEB DESK
Dec 7, 2023, 12:34 pm IST
in विश्व
Representational Image

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ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलनकारियों के साथ जिस प्रकार का बर्ताव किया गया है उसकी जानकारियां सामने आ रही हैं और ईरान के सुरक्षाकर्मियों की करतूतों का खुलासा कर रही हैं। ताजा खुलासा यह है कि ईरान के पुलिस वालों ने हिजाब विरोध के ‘जुर्म’ में कैद की गईं महिलाओं से न सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उनको ऐसी शारीरिक यातनाएं दी गईं कि पशुता भी शर्मसार हो जाए। और ऐसा सिर्फ महिलाओं के साथ ही नहीं हुआ, प्रताड़ित होने वालों में पुरुष, किशोर लड़के-लड़कियां भी पुलिस के दमन का शिकार हुई हैं।

पिछले साल सितम्बर माह में ईरान की राजधानी तेहरान में 22 वर्षीया लड़की महसा अमिनी को सरेआम बिना हिजाब दिखने के ‘जुर्म’ में हिरासत में लिया गया था। पुलिस की क​थित प्रताड़ना से महसा की मौत हो गई थी। उसके बाद ईरान में आम जनता सड़कों पर उतरी आई और देशव्यापी प्रदर्शन शुरू हो गए। इन विरोध प्रदर्शनों पर सरकार ने सख्ती से कार्रवाई की। सैकड़ों लोग पुलिस की गोलियों का शिकार हुए, हजारों घायल हुए। हिजाब पहनने के शिया कानून के विरोध ने ईरान से बाहर भी अपना असर दिखाया। कई देशों में प्रदर्शन शुरू हो गए।

File Photo

एमनेस्टी की यह विस्तृत रिपोर्ट आगे कहती है कि यह बर्बरता दस सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई थी। इनमें असल में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स, अर्धसैनिक बल, गुप्तचर विभाग के एजेंटों के साथ ही कुछ पुलिस अधिकारी भी थे। महसा की पुलिस हिरासत में मौत से ईरान की पुलिसिया बर्बरता का चेहरा उजागर हो चुका था, लेकिन अब इस रिपोर्ट से तो उसकी पाशविकता की हदें भी उजागर हो गई हैं।

ऐसे हजारों प्रदर्शनकारियों को ईरान की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बुजुर्ग, पुरुष, महिलाएं और बच्चे तक कैद किए गए थे। कैद में रहते हुए पुलिस ने उनके साथ जो कुछ किया उस पर मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की हाल में आई रिपोर्ट हैरान करने वाली है।

एमनेस्टी की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान के सुरक्षा बलों ने हिजाब विरोधी महिलाओं पर अपना गुस्सा जमकर निकाला। उनका हिरासत में बलात्कार किया गया, शारीरिक यातनाएं दी गईं। पुलिस ने अपनी इस दमनकारी करतूत में पुरुषों और छोटी उम्र के लड़के—लड़कियों को भी नहीं बख्शा।

File Photo

ईरान की पुलिस की बर्बरता की यह कहानी रोंगटे खड़े कर देती है। एमनेस्टी की ही रिपोर्ट बताती है कि ऐसे कम से कम 45 मामले दिखे हैं जिनमें प्रदर्शनकारी महिलाओं और पुरुषों के अलावा बच्चों को भी सामूहिक बलात्कार का दंश झेलना पड़ा।

इन 45 में से 16 मामले तो सीधें सीधे बलात्कार के हैं। बाकी मामले पाशविक शारीरिक शोषण के बताए गए हैं। एमनेस्टी के अधिकारी का कहना है कि तथ्यों के अनुसार, यह पाशविकता ईरान के गुप्तचर और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा की गई थी। हिजाब विरोधी महिलाओं को तो विशेष रूप से बर्बरता का शिकार बनाया गया था। यहां तक कि 12 साल के बच्चों को भी यातनाएं दी गई थीं।

मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की ओर से बताया गया है कि यह पूरी रिपोर्ट गत नवम्बार महीने में ही ईरान के अफसरों के सुपुर्द कर दी गई थी। परन्तु अभी तक उनकी तरफ से यह नहीं बताया गया है कि इस संबंध में कोई कार्रवाई की गई है कि नहीं।

रिपोर्ट आगे बताती है कि महिलाओं के अलावा पुरुषों तथा बच्चों को भी बलात्कार का शिकार बनाया गया था। बलात्कार के 16 मामलों में प्रताड़ित होने वालों में 6 महिलाएं, 7 पुरुष, 14 साल की एक लड़की और दो 16 वर्षीय लड़के हैं।

एमनेस्टी की यह विस्तृत रिपोर्ट आगे कहती है कि यह बर्बरता दस सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई थी। इनमें असल में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स, अर्धसैनिक बल, गुप्तचर विभाग के एजेंटों के साथ ही कुछ पुलिस अधिकारी भी थे। महसा की पुलिस हिरासत में मौत से ईरान की पुलिसिया बर्बरता का चेहरा उजागर हो चुका था, लेकिन अब इस रिपोर्ट से तो उसकी पाशविकता की हदें भी उजागर हो गई हैं।

 

Topics: RapeमहसाreportpolicewomenbrutalityIranएमनेस्टीपुलिस#hijabबलात्कारProtesttehranईरानAmnesty International
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