नीदरलैंड्स: गीर्ट विल्डर्स की जीत से क्यों घबराए मुसलमान?
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

नीदरलैंड्स: गीर्ट विल्डर्स की जीत से क्यों घबराए मुसलमान?

गीर्ट की पार्टी पीवीवी ने देश के ताजा चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती हैं। माना जा रहा है कि जल्दी ही वे प्रधानमंत्री बनेंगे। गीर्ट राजनीति में आने के बाद से ही कट्टर इस्लाम के विरुद्ध मत व्यक्त करते आ रहे हैं

by WEB DESK
Dec 6, 2023, 04:30 pm IST
in विश्व
गीर्ट विल्डर्स

गीर्ट विल्डर्स

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नीदरलैंड्स का नाम आजकल कट्टर मजहबियों के मन को कसैला कर रहा है। गीर्ट विल्डर्स और उनकी पार्टी का उस देश में चुनाव में सबसे अव्वल आना कट्टर इस्लामवादियों के गले नहीं उतर रहा है। कारण? गीर्ट भी अपनी जगह कट्टर इस्लाम विरोधी माने जाते हैं। वे इस्लामवादियों की कट्टर सोच के विरुद्ध माने जाते हैं। यह भाव उन्होंने चुनावी प्रचार के दौरान खुलकर जताया था, कट्टर सोच के विरुद्ध अनेक बयान भी दिए थे।

गीट कट्टर इस्लामवादी सोच के इस कदर विरोधी हैं कि खुलकर कहा कि कुर्सी संभालने पर हिजाब जैसी चीज नहीं चलने दी जाएगी, इस पर पूर्णत: रोक लगा दी जाएगी। इतना ही नहीं, देश में बड़े ओहदों पर जो मुस्लिम बैठे हुए हैं, उनको लेकर भी गीर्ट के तीखे बयान सुनने में आते रहे हैं।

आज नीदरलैंड्स के मुसलमानों में तबसे खलबली बढ़ गई है जब से उनकी पार्टी, पार्टी फॉर फ्रीडम (पीवीवी) ने वहां हाल के चुनावों में जीत हासिल की है। विशेष रूप से कट्टर सोच वाले मुसलमान तो घोर संदेह और घबराहट के साए में दिखते हैं। उनकी पार्टी को वे ​’इस्लाम विरोधी’ मानते हैं और गीर्ट इसी पार्टी के अगुआ हैं।

नीदरलैंड्स में इस्लाम विरोधी मार्च (फाइल चित्र)

नीदरलैंड के कट्टर इस्लामवादियों में ऐसी घबराहट है कि आम मुस्लिम ही नहीं, महापौर पद पर बैठे मुस्लिम अफसर भी संशय में हैं कि आगे क्या होगा। कट्टर ‘दक्षिणपंथी’ नेता के मजहबी सोच के विरुद्ध तीखे बयानों के बारे में अर्नहेम शहर के महापौर अहमद मार्कोच बखूबी जानते हैं इसलिए समझ नहीं पा रहे हैं कि उनका इस पद पर क्या भविष्य होगा।

डच चुनाव परिणामों पर उस देश में ही नहीं, दुनिया में एक चर्चा छिड़ी हुई है। एक बड़ा वर्ग है जो कट्टर मजहबी सोच और उसके दुष्परिणामों को देखते हुए गीर्ट के जीतने को सकारात्मकता में देख रहा है तो एक सेकुलर वर्ग ऐसा भी है जो डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, यू.के. जैसे देशों में मजहबी उन्मादियों के उपद्रवों के बावजूद, उनके प्रति सेकुलर सहानुभूति रखता है और गीर्ट की जीत काे मुसलमानों के लिए दुखदायी मानता है।

वहां चुनाव के नतीजे आने के बाद वे उसे आसानी से पचा नहीं पाए थे। उन्होंने तो यहां तक सोच लिया कि शायद अब वे इस पद पर क्या, इस देश में शायद टिक नहीं पाएंगे। अहमद के परिवार ने अलग तनाव पाला हुआ है। महापौर पद पर बैठे अहमद के दिमाग में यदि इतना तनाव है तो सोचिए, एक आम मुसलमान, विशेषकर जो कट्टर सोच रखता है, उसका क्या हाल होगा!

यूरोप के इस्लामीकरण को रोकने का आह्वान (फाइल चित्र)

यही वजह है कि डच चुनाव परिणामों पर उस देश में ही नहीं, दुनिया में एक चर्चा छिड़ी हुई है। एक बड़ा वर्ग है जो कट्टर मजहबी सोच और उसके दुष्परिणामों को देखते हुए गीर्ट के जीतने को सकारात्मकता में देख रहा है तो एक सेकुलर वर्ग ऐसा भी है जो डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, यू.के. जैसे देशों में मजहबी उन्मादियों के उपद्रवों के बावजूद, उनके प्रति सेकुलर सहानुभूति रखता है और गीर्ट की जीत काे मुसलमानों के लिए दुखदायी मानता है।

यू.के. का प्रसिद्ध अखबार द गार्जियन लिखता है कि पूर्वी नीदरलैंड्स के अर्नहेम शहर के महापौर के अनुसार, उनके लिए गीर्ट की अगुआई में सरकार का बनना हिला देने वाला है। उनका तो दिल ही बैठा जा रहा है। गार्जियन के हिसाब से ये ‘काफी चिंता की बात’ है। महापौर यह सोचकर घबराए हुए हैं कि उनके परिवार को देश से बेदखल होना पड़ सकता है।

अहमद लेबर पार्टी से आते हैं और साल 2017 से अर्नहेम शहर के महापौर हैं। वे 10 साल के थे जब मोरक्को से इस देश में आए थे। गीर्ट ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक मुस्लिम, अहमद मार्कोच के इस बड़े पद पर होने को भी एक मुद्दा बनाया था। इसलिए अहमद को इस बात का खटका है कि गीर्ट विल्डर्स कुर्सी पर बैठे नहीं कि उनकी कुर्सी गई।

हालांकि नीदरलैंड्स एक सहिष्णु देश के तौर पर जाना जाता है, जहां फिलहाल नागरिकों में विभिन्न देशों से आए लोग बसे हैं, इसलिए द गार्जियन को चिंता है कि गीर्ट की ऐसी नीति देश में सामुदायिक माहौल को बिगाड़ सकती है। मुस्लिम समुदाय और सरकार के मध्य संपर्क सेतु के तौर पर काम कर रहे मोहसिन को लगता है कि चुनावों के नतीजे इस देश के मुस्लिमों को हैरान कर गए हैं, क्योंकि उन्हें गीर्ट और उनकी पार्टी की जीत की अपेक्षा नहीं थी।

गीर्ट की पार्टी पीवीवी ने देश के ताजा चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती हैं। माना जा रहा है कि जल्दी ही विल्डर्स प्रधानमंत्री बनेंगे, जो राजनीति में आने के बाद से ही कट्टर इस्लाम के विरुद्ध मत व्यक्त करते आ रहे हैं। वे यही कहते रहे हैं कि इस देश में सभी मस्जिदों को बंद कर देना चाहिए, मुसलमानों की मजहबी किताब कुरान पर पाबंदी लग जानी चाहिए।

चुनाव जीतने के बाद, उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि नीदरलैंड्स से सभी मुसलमानों को निकल जाना चाहिए और वे नहीं चाहते कि कुरान की एक भी प्रति उनके देश में रहे। यूरोप के कई देशों ने जिस प्रकार मध्य एशियाई इस्लामी देशों से आने वाले शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं, गीर्ट इसके विरोधी रहे हैं। वे नहीं चाहते कि नीदरलैंड्स में इस तरह के शरणार्थी आकर मजहबी उपद्रव फैलाएं।

Topics: #islampvvकुरानमजहबमुसलमानcommunaldutchnetherlandsइस्लामीfanaticsनीदरलैंड्स#muslimgeert
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

इस्राएल सेना चैट जीपीटी जैसा एक टूल भी बना रही है जिससे फिलिस्तीन से मिले ढेरों डाटा को समझा जा सके

‘खुफिया विभाग से जुड़े सब सीखें अरबी, समझें कुरान!’ Israel सरकार के इस फैसले के अर्थ क्या?

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

DU के सिलेबस में बदलाव

DU के सिलेबस में बदलाव: अब पढ़ाया जाएगा सिखों की शहादत, हटाए गए इस्लाम-चीन-पाक चैप्टर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies