इजरायल हमास युद्ध के बीच सारी दुनिया गाजा पर नजर बनाए हुए थी। इधर इस्लामिक देश ईरान ने बड़ा कांड कर दिया। मानवाधिकार समूहों के अनुसार, 7 अक्टूबर के हमास के हमलों के बाद से ईरानी शासन ने महिलाओं और बच्चों सहित 127 से अधिक लोगों को मार डाला है। ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) और नॉर्वे स्थित संगठन हेंगॉ द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, इज़रायल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद से फांसी की सजा में चिंताजनक तरीके से वृद्धि हुई है।
वहीं एक तीसरे समूह ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं (एचआरए) ने पुष्टि की कि 7 अक्टूबर के हमलों के बाद से फांसी की सजा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह बुधवार को ईरान सरकार ने मात्र 24 घंटे के अंदर ही सात लोगों को मार दिया। मानवाधिकार संगठनों और मारे गए लोगों के परिवार वालों का आरोप है कि इजरायल हमास युद्ध की आड़ लेकर ईरान सरकार अपने विरोधियों मौत की सजा दे रही है।
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ईरानी मानवाधिकार संगठ आईएचआर के निदेशक महमूद अमीरी-मोघदाम ने कहा, “युद्ध की शुरुआत के बाद से ईरान में मानवाधिकार की स्थिति पर बहुत कम अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्रित किया गया है और फांसी की सजा में उल्लेखनीय वृद्धि पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं हुई है।” पिछले दो महीनों में जिन लोगों को मौत की सजा दी गई है, उनमें 17 वर्षीय हमीद्रेजा अज़ारी नाम का एक बच्चा भी शामिल है, जिसकी मौत को पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र ने “निंदनीय” करार दिया था।
आईएचआर ने दावा किया है कि अजारी से जबरन अपराध कबूल करवाने के बाद उसे सब्ज़ेवर जेल में मार दिया गया। ईरान ने महिला, लाइफ और स्वतंत्रता से जुड़े आठवें 22 वर्षीय मिलाद ज़ोहरेवंद को भी फांसी दे दी है। मिलाद को महसा अमिनी की मौत के बाद पिछले साल पूरे ईरान में भड़के राष्ट्रव्यापी शासन-विरोधी विरोध प्रदर्शनों में वो शामिल रहे हैं, जिसके लिए उन्हें मौत की सजा दी गई थी। वहीं ड्रेस कोड उल्लंघन करने के मामले में ईरानी सरकार ने एक कुर्द महिला को गिरफ्तार किया था और बाद में पुलिस कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई।
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साल 2023 में 419 लोगों को दी गई मौत की सजा
ईरान में मौतों के मामले में इसी साल अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र ने “खतरनाक दर” पर फांसी देने के लिए ईरानी शासन की निंदा की थी। यूएन के मुताबिक, इस साल जनवरी से जुलाई के बीच कम से कम 419 लोगों को मौत की सजा दी गई, जो 2022 में इसी समय अवधि की तुलना में 30% की वृद्धि है।
ईरानी मानवाधिकार समूहों ने दावा किया है कि पिछले दो महीनों में फाँसी की घटनाओं में बढ़ोतरी के कारण 2023 की शुरुआत से शासन द्वारा दी गई मौत की सज़ाओं की कुल संख्या 700 से अधिक हो गई है। आरोप है कि विरोध प्रदर्शन और अशांति के सत्ता पर पकड़ बनाने के लिए ईरानी अधिकारी विरोधियों का दमन कर रहे हैं।
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