सूर्य के अध्ययन के लिए लॉन्च किए गए आदित्य एल-1 को लेकर एक और खुशखबरी आई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को बताया कि आदित्य-एल1 उपग्रह में लगा पेलोड ‘आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट’ ने काम करना शुरू कर दिया है और सामान्य रूप से काम कर रहा है। बता दें कि 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य-एल1 को लॉन्च किया गया था।
Aditya-L1 Mission:
The Solar Wind Ion Spectrometer (SWIS), the second instrument in the Aditya Solar wind Particle Experiment (ASPEX) payload is operational.
The histogram illustrates the energy variations in proton and alpha particle counts captured by SWIS over 2-days.… pic.twitter.com/I5BRBgeYY5
— ISRO (@isro) December 2, 2023
इसरो ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके आदित्य-एल1 का अपडेट दिया है, जिसमें बताया गया है कि आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स) में दो अत्याधुनिक उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (एसडब्ल्यूआईएस) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (एसटीईपीएस) शामिल हैं। एसटीईपीएस उपकरण 10 सितंबर को शुरू किया गया था। SWIS उपकरण दो नवंबर को सक्रिय हुआ था और इसने शानदार प्रदर्शन किया है। इसरो ने बताया कि उपकरण ने सौर पवन आयन, मुख्य रूप से प्रोटॉन और अल्फा कणों को सफलतापूर्वक मापा है।
क्या- क्या स्टडी करेगा आदित्य-L1
आदित्य-एल1 भारत का पहला सोलर मिशन है। जानकारों के मुताबिक यह सूर्य मिशन सूरज के जुड़े कई रहस्यों को उजागर करने के लिए काम करेगा। आदित्य-L1 यह पता लगाएगा कि सौर तूफानों के आने की वजह क्या है और सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर पड़ता है। इसके अलावा सूरज से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा। वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा। बता दें कि ISRO ने सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 को दो सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्चिंग सेंटर से आदित्य-L1 मिशन को 11:50 बजे सफलता पूर्वक लॉन्च किया था।
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