अमेरिका के एक सुप्रसिद्ध अखबार ने दस्तावेजों के आधार पर दावा किया है कि इस्राएल को एक साल पहले ही जानकारी मिल चुकी थी कि हमास किसी बड़े हमले की तैयारी में है, लेकिन इस्राएल के सुरक्षा अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। संभवत: उन्हें यह लगा था कि हमास की इतनी सामर्थ्य नहीं कि इस्राएल पर ऐसा हमला बोले। लेकिन अब सामने आई उस गुप्तचर रिपोर्ट से साफ है कि उस दस्तावेजी जानकारी को गंभीरता से नहीं लिया गया था।
7 अक्तूबर को दक्षिण इजरायल के अनेक शहरों पर हमास ने गंभीर हमला बोला था जिसमें कम से कम 1500 इस्राएली मारे गए थे, हजारों घायल हुए थे और इस्लामी आतंकवादी लगभग 250 को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। इस हमले की हालांकि तारीख नहीं पता थी, लेकिन इस्राएल की गुप्तचर एजेंसी को ऐसी खुफिया रिपोर्ट एक साल पहले ही मिल चुकी थी जिसमें ‘जल्दी ही’ किसी बर्बर हमले की हमास की योजना का पता चल गया था। यह दावा करते हुए द न्ययार्क टाइम्स नें एक बड़ी रिपोर्ट छापी है जो सीधे सीधे इस्राएल के सुरक्षा तंत्र की लापरवाही की तरफ इशारा करती है।
हथियारबंद इस्लामी गुटों की ऐसी साजिश चल रही है, इसकी बहुत पहले जानकारी सामने आने के बावजूद उसे लापरवाही से अनदेखा किया गया, जिसकी बहुत बड़ी कीमत इस्राएली तंत्र को चुकानी पड़ी है और जिसकी वजह से पिछले करीब 55 दिन से उसने हमास के विरुद्ध युद्ध छेड़ा हुआ है। इस्राएल ने कसमें खाई हैं कि यह इस्लामी जिहादी गुट के विरुद्ध निर्णायक युद्ध है, उसे जड़ से मिटाकर ही यह खत्म होगा।
हालांकि फिलहाल, इस्राएल की फौज के अधिकारियों ने इस गुप्त रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन कुछ दिन पहले इस्राएल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने परोक्ष रूप से इस हमले के पीछे गुप्तचरी की असफलता की तरफ संकेत तो किया ही था। उन्होंने कहा था कि उनसे पूरी रिपोर्ट साझा नहीं की गई।
7 अक्तूबर को हमास ने इस्राएल के शहरों पर अचानक जिहादी हमला बोला तो उसके दृश्यों ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। इस्लामी जिहादी आम नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे, आसमान के रास्ते 5000 राकेट दागे गए थे। घर—घर तलाशी लेते हुएए महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को पास से गोलियां मारी गईं। हमास ने सच में आसमान और जमीन से ही नहीं, समुद्री रास्तों से भी हमला बोला था।
इस गुप्त रिपोर्ट के सामने आने के बाद, इस्राएल के सैन्य अधिकारियों ने इस पर कैसी भी टिप्पणी करने के बजाय इतना ही कहा है कि, फिलहाल उनका पूरा ध्यान जिहादी हमास को जड़ से मिटाने पर ही लगा है।
इस्राएल के सैन्य अधिकारियों के पास साल भर पहले एक 40 पृष्ठों की गुप्त रिपोर्ट पहुंची थी।उसमें स्पष्ट उल्लेख था कि इस्लामी जिहादी गुट दक्षिण इस्राएल के कुछ शहरों पर बर्बर हमले की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट में हमले की मारकता और तरीके का भी जिक्र था, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस्राएली सेना ने हमास की मारक क्षमता को शायद कम आंका और उन्हें नहीं लगा कि वह गुट ऐसा बड़ा हमला इस पैमाने पर कर सकता है।
इस्राएल के अधिकारियों ने उस खुफिया जानकारी को हल्के लिया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि उन्होंने उस खुफिया रिपोर्ट को इतना सरसरी तौर पर लिया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू तक के साथ यह जानकारी साझा नहीं की गई! ये सारी बातें अमेरिकी अखबार द न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में लिखी हैं।
अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट बताती है कि इस्राएल के सैन्य अधिकारियों को लगा जैसे फिलस्तीन के इस्लामी गुटों में इस्राएल जैसी तकनीकी और विशाल स्तर की बाधाओं को भेदने लायक योग्यता नहीं है। इससे भी बढ़कर, यह मान लिया गया कि हमास या किसी और जिहादी गुट में इस्राएल की फौलादी ताकत को सीधे टक्कर देने की हिम्मत नहीं है।
इस्राएल को प्राप्त हुई 40 पृष्ठों के उस खुफिया रिपोर्ट में साफ लिखा था कि जिहादी षड्यंत्र के उस खाके में इस्राएल की सेना को गुप्त नाम ‘जेरिचो वाल’ दिया गया था। रिपोर्ट दक्षिणी शहरों और इलाकों को संवेदनशील बता रही थी जिन पर हमास के कहर बरपाने का संकेत दिया गया था।
पता तो यहां तक चला है कि 7 अक्तूबर के हमले से कुछ ही दिन पहले, ठीक उसी की तर्ज पर जिहादी हमास ने एक ‘मॉक ड्रिल’ तक की थी जिसमें इस्राएल में दाखिल होने के लिए सीमा पर मोटी कंक्रीट की दीवार को भेदने की रिहर्सल तक की गई थी। लेकिन इस्राएल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद के कर्मी शायद उतने सचेत नहीं थे।
और जब 7 अक्तूबर को हमास ने इस्राएल के शहरों पर अचानक जिहादी हमला बोला तो उसके दृश्यों ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। इस्लामी जिहादी आम नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे, आसमान के रास्ते 5000 राकेट दागे गए थे। घर—घर तलाशी लेते हुएए महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को पास से गोलियां मारी गईं। हमास ने सच में आसमान और जमीन से ही नहीं, समुद्री रास्तों से भी हमला बोला था।
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