भागोजी नायक
जन्म : नंदूर षिंगोटे, नासिक (महाराष्ट्र)
बलिदान : 1859
क्रांतिकारी भागोजी नायक के नाम से ही अंग्रेज थर-थर कांपते थे। कोली विद्रोह के लिए अंग्रेजों ने उन्हें 1855 में बंदी बना लिया था।
मुक्त होने के वर्ष भर बाद ही वे 1857 के महासमर में कूद पड़े। नंदूर षिंगोटे की पहाड़ी पर उन्होंने भील योद्धाओं की सेना बनाई।
नासिक-पुणे मार्ग पर अंग्रेजों से उनका भीषण संघर्ष हुआ। उस स्थान को आज भी भागो जी घाट कहा जाता है। उन्होंने अंग्रेजों पर अनेक हमले किए।
12 नवंबर, 1857 को पेठमहल पर आक्रमण कर खजाना लूट लिया। लगभग दो वर्ष तक निरंतर संघर्ष चलता रहा। 1859 में अंग्रेज सेना ने भागो जी और उनके साथियों की हत्या कर दी।
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