दिल्ली में चले कथित किसान आंदोलन को समर्थन देने वाली आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के लिए किसान संगठन उस बूमरैंग की तरह साबित होते दिख रहा है जो चलाने वालों के ही हाथ जख्मी करता है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट पराली के मुद्दे पर पंजाब सरकार को फटकार पर फटकार लगा रही है तो दूसरी ओर इस दिशा में कार्रवाई करने पर किसान संगठन सड़कों पर आ गए हैं।
जालंधर के धन्नोवाली फाटक के पास गन्ने के रेट बढ़ाने और पराली जलाने के केसों को रद्द करवाने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर धरना-प्रदर्शन मंगलवार को शुरू हुआ, जो आज बुधवार को भी जारी है। किसानों ने जालंधर-लुधियाना हाईवे पर धरना दिया हुआ है, जिसमें सभी किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं। किसान नेता बलविंदर सिंह ने बताया कि धरना दूसरे दिन में पहुंच चुका है और आज हाईवे के साथ-साथ सर्विस लेन भी बंद कर दी गई है। जरूरी सेवाओं के लिए रास्ता खोला गया है इसके अलावा किसी को भी इस रास्ते से निकलने नहीं दिया जाएगा। अब तक धरने में कुल 22 किसान संगठन पहुंच चुके हैं और बाकी संगठन भी पहुंच जाएंगे।
इस दौरान बलविंदर सिंह ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द हमारी मांगें नहीं मानी गई तो आने वाले समय में यहां पर पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। लोगों को हो रही परेशानियों पर किसानों ने कहा कि मजबूरी में धरना देना पड़ रहा है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वह इस रास्ते को छोड़ किसी ओर रास्ते को अपना कर अपनी मंजिल पर पहुंचे। किसान रेलवे ट्रैक को भी बंद करने की घोषणा कर चुके हैं। किसानों के प्रदर्शन से स्थानीय जनता अत्यधिक परेशान है और सरकार को कोस रही है।
टिप्पणियाँ