देहरादून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने देहरादून में विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की अपनी जीवन पद्धति, अपनी जीवन शैली, अपनी संस्कृति है। भारत को जानने की जरूरत है जिसे आध्यात्म के जरिए ही जाना जा सकता है। चिंता की बात ये है कि अध्यात्म की सुंदरता लुप्त हो रही है, जिसे संजोने की संरक्षित करने की जरूरत है और इसके लिए अध्यात्म के लिए पुस्तकें बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
सुनील आंबेकर ने कहा कि विकसित देशों की अपनी जीवन पद्धति है, लेकिन भारत की जीवन पद्धति, भारत की जीवन शैली को अपनी संस्कृति परंपरागत तौर तरीके से रहने की है, यही हमारा व्यवहार है, उन्होंने कहा कि हमें आधुनिक होना चाहिए, अनुसंधान पर भी जाना चाहिए, लेकिन नारो में बहना नही चाहिए। उन्होंने कहा कि हम तकनीक से आगे बढ़ते हैं, हम चांद पर भी पहुंचे हैं वो भी संघर्ष की यात्रा है, लेकिन हमने उतना ही संघर्ष श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए भी किया है, हमें अपनी संस्कृति, अपने सनातन को नहीं छोड़ना है। डॉ आंबेकर ने कहा कि हिंदुत्व यात्रा का वर्णन हमारे ग्रंथों में है हम सभी को साथ लेकर चलते हैं, हम सभ्यता, संस्कृति की यात्रा हिंदुत्व में ही ढूंढते है, वही सही मार्ग, समानता का मार्ग है।
सुनील आंबेकर ने कहा कि हमारे त्योहार समानता का व्यवहार हैं जो हमें जोड़ते चले जाते हैं। उन्होंने कहा कोई जादू नहीं था कि दुनिया ने योग को अपना लिया, योग शुद्धता का भाव लिए हुए था सबके लिए उपयोगी, सबके लिए कल्याणकारी भी था ऐसे कई अनुसंधान कई विषय हैं जो विश्व के कल्याणकारी होंगे और अब इसे विश्व स्वीकार कर रहा है। हमारे देश में हजारों लोगों ने राष्ट्र अराधना की है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोगों को भूलने की आदत है जिन्हें जगाना जरूरी है, जो कल तक ये भूल गए थे कि श्री राम कहां पैदा हुए, हुए भी कि नहीं ? आज वही स्मृतियां वापस आ रही हैं, कुछ लोग भारत 1947 के बाद के भारत को मानते हैं, लेकिन भारत का इतिहास हजारों साल पुराना है। उन्होंने कहा नया भारत नई पीढ़ी का जरूर है, लेकिन इस पीढ़ी को पुराने भारत के विषय में भी बताना जरूरी है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मेजर जनरल शम्मी सब्बरवाल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुरेंद्र मित्तल ने सभी का आभार प्रकट किया। मंच पर विश्व संवाद केंद्र के निदेशक विजय जी, पूर्व आईएएस सुरेंद्र पांगती, रंजीत सिंह ज्याला भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन बल्देव पराशर ने किया। कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक डॉ शैलेंद्र जी, क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम जी, सह प्रचार प्रमुख संजय जी, पूर्व राज्यसभा सदस्य तरुण विजय आदि गणमानय व्यक्ति उपस्थित रहे।
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