मर्री कामय्या
जन्म : गरुडापल्ली, विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)
निधन : 5 मई, 1959
आंध्र प्रदेश के वन क्षेत्र से निकले एक विलक्षण योद्धा थे मर्री कामय्या।
उन्होंने 1930 के दशक में विशाखापट्टनम जिले में अंग्रेजों की लूट और शोषण का विरोध प्रारंभ किया।
उनके इस विरोध के कारण अंग्रेज इस वन क्षेत्र पर सात वर्ष तक कब्जा नहीं जमा पाए।
लोगों के मौलिक अधिकारों को लेकर सशस्त्र युद्ध छेड़ने वाले इस क्रांतिवीर को अंग्रेजों ने अंतत: 1940 में गिरफ्तार कर लिया और असहनीय यातनाएं दीं।
उन्हें कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता था। उनके साथ पशुवत व्यवहार किया जाता था। 5 मई, 1959 को इस वीर सपूत ने अपने प्राण त्यागे।
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