मीडिया में कई दिनों से यह खबर चल रही है कि पाकिस्तान के रास्ते हथियार बेचे जा रहे हैं। हालांकि इन खबरों की पूरी तरह पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस बीच रूस का एक बयान जरूर आया था कि पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को जो हथियार भेजे जा रहे हैं, वे बरास्ते पाकिस्तान बेचे जा रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप का खंडन ही किया है।
लेकिन अब पाकिस्तान के ही एक मीडिया संगठन ने जो दावा किया है, उसने पैसे को लेकर पाकिस्तान की फितरत और हालात को एक बार फिर उजागर किया है। पाकिस्तान के इस मीडिया संगठन ‘पीपल टॉक शोज्’ ने सोशल मीडिया पर यह दावा करते हुए पाकिस्तान को लानतें भेजी हैं कि उसके ‘हाथ खून से रंगे हुए हैं’। एक्स पर अपने हैंडल से इस संगठन ने लिखा है कि इस्रायल को पाकिस्तान 155 मि.मी. के गोले बेच रहा है।
संगठन का यह भी कहना है कि यह दावा ‘फ्लाइट-ट्रैकिंग डाटा एनालिसिस’ के आधार पर किया जा रहा है। इस आधार का खुलासा करते हुए कहा गया है कि ब्रिटेन की वायुसेना के एक जहाज ने बहरीन से उड़ान भरी और वह पाकिस्तान में रावलपिंडी स्थित नूर खान बेस पहुंचा था। वहां से वह एक सहायक बेस तक गया जो साइप्रस में बताया गया है।
इस रहस्य से पर्दा हटाने वाले संगठन को कैसे पता कि उस जहाज में तोप के गोले भेजे गए थे? दरअसल, साइप्रस में अक्रोटिरी बेस, ब्रिटिश शाही वायुसेना का एक बेस साइप्रस में है। यह बेस, एक अंतरराष्ट्रीय सैन्य केंद्र के नाते काम करता है। तो इस केन्द्र का आजकल कथित प्रयोग इस्राएल—हमास युद्ध के चलते इस्राएल को हथियार व अन्य आवश्यक सैन्य सामग्री पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
लेकिन सवाल है कि इससे यह कैसे साबित होता है पाकिस्तान से उसने गोले इस्राएल पहुंचाए? तो इसके जवाब में संगठन ‘पीपल टॉक शोज्’ का कहना है कि फलाइट के रास्ते को देखकर शक गहराता है। संभवत: पाकिस्तान हथियारों की जो दुनिया में कमी देखी जा रही है, उसका लाभ उठाते हुए 155 मि.मी. तोप के गोले इस्राएल को भेज रहा है। पाकिस्तानी संगठन की ओर से पोस्ट में यह भी लिखा गया है कि ‘पाकिस्तान के हाथ पर फ़िलिस्तीन के लोगों और बच्चों के खून से रंगे हुए हैं। पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के हाथ इनके खून में सने हैं’।
आगे और तथ्य देते हुए बताया गया है कि ब्रिटेन की वायु सेना का वह जहाज आरआरआर6664/5 है। यह जहाज बोइंग सी-17ए ग्लोबमास्टर कहलाता है। इसकी विशेषता है कि इसमें भारी सैन्य साजो—सामान हवा मार्ग से ले जाने की क्षमता होती है। फलाइट ट्रैकिंग डाटा इसी विमान के रास्ते को वाया पाकिस्तान दिखाता है।
लेकिन यहां यह जानना भी दिलचस्प है कि आखिर इस रहस्य से पर्दा हटाने वाले संगठन को कैसे पता कि उस जहाज में तोप के गोले भेजे गए थे? दरअसल, साइप्रस में अक्रोटिरी बेस, ब्रिटिश शाही वायुसेना का एक बेस साइप्रस में है। यह बेस, एक अंतरराष्ट्रीय सैन्य केंद्र के नाते काम करता है। तो इस केन्द्र का आजकल कथित प्रयोग इस्राएल—हमास युद्ध के चलते इस्राएल को हथियार व अन्य आवश्यक सैन्य सामग्री पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
माना जाता है पाकिस्तान में ग्राउंड अटैक के लिए जरूरी हथियारों का जखीरा जमा किए हुए है। यह कैसे पता चला? तो अभी दो माह पहले ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋृण मुक्ति के लिए पाकिस्तान की तरफ से गुप्त हथियारों को बेचने की जानकारी अमेरिका के हवाले की गई थी। यह खुलासा अमेरिका की आनलाइन समाचार सेवा ‘द इंटरसेप्ट’ ने किया था। इसकी रिपोर्ट में यह जानकारी भी दी गई थी यूक्रेन की सेना को पाकिस्तान की ओर से 155 मिमी के गोले तथा दूसरे हथियार दिए गए थे।
लेकिन इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प मोड़ यह है कि पाकिस्तान की तरफ से साफ इंकार किया गया है कि उसने इस्राएल को तोप के गोले आदि उपलब्ध कराए हैं।
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