यह कंपनी 350 से अधिक प्रकार के टेप का निर्माण करती है। इनमें दफ्तरों में प्रयोग होने वाले टेप से लेकर उद्योगों तक में काम आने वाले टेप शामिल हैं।
आज भारत में टेप (एक लंबी पट्टी, जिसके एक ओर गोंद जैसा पदार्थ लगा रहता है और जो वस्तुओं को चिपकाने या जोड़ने में प्रयुक्त होती है) निर्माण की सबसे बड़ी कंपनी है- अजीत ग्रुप। यह कंपनी 350 से अधिक प्रकार के टेप का निर्माण करती है। इनमें दफ्तरों में प्रयोग होने वाले टेप से लेकर उद्योगों तक में काम आने वाले टेप शामिल हैं। कंपनी के संस्थापक हैं अजीत गुप्ता। अजीत एक कारोबारी परिवार से संबंध रखते हैं।
1982 में उनके पिता अस्वस्थ हुए तो उन्हें पढ़ाई छोड़कर पारिवारिक कारोबार संभालना पड़ा, लेकिन मन कुछ नया करना चाहता था। संभावनाओं को तलाशने के लिए उन्होंने अमेरिका आदि देशों का दौरा किया। इसका लाभ मिला। काम में सफलता मिली। इसके साथ ही मन कुछ स्थिर हुआ तो अधूरी पढ़ाई फिर से शुरू की।
जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच उन्होंने 1998 में अजीत इंडस्ट्रीज की स्थापना की। उस समय केवल 15 लोगों के सहयोग से टेप का निर्माण शुरू हुआ। काम चल पड़ा तो 2000 में खरखौदा, सोनीपत में पहली उत्पादन इकाई लगाई। 64 श्रमिकों के परिश्रम से इकाई की उत्पादन क्षमता बढ़ने लगी। टेप, मास्किंग टेप और डी/एस टेप, पीवीसी टेप आदि का निर्माण होने लगा।
अपने साथ काम करने वालों के हितों और उन्हें आगे बढ़ाने से हर कार्य आसान हो जाता है। इसके बाद सफलता मिलती ही है। वे यह भी कहते हैं, ‘‘चाहे कुछ भी हो जाए, अपने उत्पादों की गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहिए।’’-अजीत गुप्ता
इस बीच कंपनी को आईएसओ 9001-2000 प्रमाणपत्र मिला। इस कारण कंपनी के उत्पादों को कई बड़ी कंपनियां खरीदने लगीं। जैसे- मदरसंस, हीरो होंडा आदि। इसके बाद कंपनी का काफी विस्तार हुआ। मुंबई और चेन्नै में भी उत्पादन इकाइयां स्थापित हुई।। कंपनी के उत्पाद देश-विदेश में जाने लगे। काम बढ़ा तो एक दूसरी कंपनी एआईपीएल जोरो प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई।
आज दोनों कंपनियों का सालाना कारोबार 800 करोड़ रुपए है। अजीत गुप्ता मानते हैं कि अपने साथ काम करने वालों के हितों और उन्हें आगे बढ़ाने से हर कार्य आसान हो जाता है। इसके बाद सफलता मिलती ही है। वे यह भी कहते हैं, ‘‘चाहे कुछ भी हो जाए, अपने उत्पादों की गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहिए।’’ उनका यह भी मानना है कि सफलता के लिए कोई छोटा रास्ता नहीं है।
व्यक्ति को सिर्फ कड़ी मेहनत नहीं करनी चाहिए, बल्कि समझदारी और चतुराई से काम करना चाहिए। कभी भी शब्दों को हवा में न उछालें, बोलने से पहले हमेशा सोचें। अपने शब्दों को अमल में लाएं, इसी तरह विश्वास बनता है। शुरुआती दिनों में अजीत के सामने सबसे बड़ा संकट था अपने उत्पादों के प्रति विश्वास बढ़ाना, लेकिन इस काम को उन्होंने बहुत ही कुशलता के साथ किया।
अब अजीत का लक्ष्य है अपनी दोनों कंपनियों (अजित इंडस्ट्रीज और एआईपीएल जोरो) के वार्षिक कारोबार को 1,000 करोड़ रुपए तक ले जााना। अजीत कहते हैं कि आगे की छलांग केवल कंपनियों के लिए नहीं है, बल्कि उसके कर्मचारियों के लिए भी है। भारी व्यस्तता के बाद भी अजीत अपने परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के लिए समय निकालते हैं।
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