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होम भारत दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव

पंजाब में किसानों और अधिकारियों की मिलीभगत, कर डाला पराली घोटाला, कृषि मंत्री ने दिए जांच के आदेश

पंजाब सरकार ने प्रदूषण से निपटने और पराली के निस्तारण के लिए मशीनें खरीदने के लिए सब्सिडी केवल कागजों में दिखाई दी। असल में मशीनें हैं ही नहीं।

by राकेश सैन
Nov 9, 2023, 01:48 pm IST
in दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव, पंजाब
Stubble burning

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर नहीं लग पा रही है रोक। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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बढ़ते प्रदूषण के बीच पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की घटना सबसे बड़ी समस्या है। पराली के मामले में पंजाब केंद्र बिन्दु बना हुआ है। राज्य सरकार पराली पर अंकुश लगाने के दावे भी करती है। लेकिन, पराली प्रबंधन के नाम पर पंजाब में पराली घोटाला हो गया है।

दरअसल, पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार न दावा कर रही है कि वो किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीने खरीदने के लिए सब्सिडी मुहैया करा रही है। हालांकि, सच ये है कि पंजाब में पराली के निस्तारण के लिए मशीनों की खरीद के बिना ही लाखों की सब्सिडी को डकार लिया गया। फरीदकोट और फाजिल्का में इस तरह के 1800 मामले सामने आने के बाद सरकार ने सभी जिलों में इसकी जांच शुरू कर दी है। इसमें किसानों, कंपनियों के साथ अधिकारियों की भी मिलीभगत की आशंका है। पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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राज्य सरकार को मिली रिपोर्ट में बताया गया है कि फरीदकोट और फाजिल्का में कृषि मशीनें बनाने वाली कंपनियों, किसानों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर कागजों में मशीनों की फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाकर सब्सिडी की मोटी रकम हड़प ली। अब तक ऐसे 1800 किसानों के बारे में पता चला है। अब सरकार ने सभी जिलों में जांच टीमें भेजी हैं, जिन्हें सब्सिडी पर खरीदी गई मशीनों की तसदीक करने के लिए कहा है।

कृषि विभाग ने मुख्य कृषि अधिकारी को खरीदी गई मशीनरी के संबंध में रिपोर्ट तैयार कर भेजने को कहा था। इस पर अधिकारी ने अपने अधीन फाजिल्का और फरीदकोट में करीब 2000 किसानों के खेतों और घरों में कृषि मशीनरी की तस्दीक कराई, तो केवल 200 किसान ही खरीदी गई मशीनरी दिखा सके। उनके पास खरीद संबंधी पूरे कागजात भी थे। बाकी 1800 किसानों के खेतों व घरों में मशीनें नहीं मिलीं और न ही वह ऐसी खरीद का कोई दस्तावेज प्रस्तुत कर सके। मुख्य कृषि अधिकारी ने जो रिपोर्ट सरकार को भेजी है उसमें भी गड़बड़ी मिली है।

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कृषि विभाग से भी पता चला है कि फाजिल्का और फरीदकोट में गड़बड़ी की सूचनाएं मिलने पर जालंधर से विभाग की टीमों को जांच के लिए भेजा गया था। शुरुआती तौर पर उन्हें केवल 425 किसानों की जांच करने को कहा गया था, लेकिन विभाग की टीम को किसानों और मशीनरी बेचने वाली कंपनियों के बीच मिलीभगत का पता चलने पर इस जांच का दायरा बढ़ाते हुए उक्त दोनों स्थानों पर कृषि मशीनरी खरीदने वाले दो हजार किसानों के पास मशीनों की तस्दीक की गई, तो खरीद के 1800 फर्जी मामले उजागर हुए।

कृषि मशीनरी और पराली प्रबंधन से संबंधित मशीनों की खरीद पर राज्य सरकार की तरफ से किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। जांच अधिकारियों ने पाया कि कई कंपनियों ने मिलीभगत करके, मशीनें तो नहीं बेची, लेकिन कागजों पर मशीनों की खरीद दिखाकर सब्सिडी की रकम हड़प ली। पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि अधिकारियों को जांच के आदेश दे दिए गए हैं। किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसी हेराफेरी के लिए किसी को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। फिलहाल मामला विचाराधीन है।

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