नैनीताल। चार नवंबर को सीएम के ज्योलिकोट के आगमन से पहले जिला प्रशासन ने अवैध रूप से बने मदरसे को ध्वस्त कर दिया। उत्तराखंड के नैनीताल में अवैध मदरसे को आज प्रशासन और पुलिस की टीम ने जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया। मदरसे के साथ अवैध रूप से बनाए गए आधा दर्जन शौचालय और टिन शेड भी ध्वस्त किए गए। सरकारी भूमि को नियमानुसार सामाजिक कार्यों में इस्तेमाल करने की तैयारी है।
नैनीताल में बीते माह वीरभट्टी गांव के समीप एक अवैध मदरसे का खुलासा हुआ था। प्रशासन के छापे दौरान मदरसे में 24 नाबालिग छात्र बीमार स्थिति में पाए गए। मदरसे को सील कर दिया गया था। सरकार की जमीन पर अवैध रूप से बने मदरसे को ध्वस्त किया गया। एस.डी.एम. प्रमोद कुमार ने बताया कि अवैध रूप से बनाए गए इस मदरसे के संचालकों को नोटिस जारी कर जमीन के दस्तावेज मुहैया कराने को कहा गया था, लेकिन असंतुष्ट होकर आज इसका 266.05 वर्ग मीटर हिस्सा अवैध पाते हुए ध्वस्त कर दिया गया। मदरसे के संचालकों को अवैध निर्माण खुद तोड़ने के निर्देश दिए गए लेकिन नहीं तोड़े जाने के बाद आज प्रशासन से इसे तोड़ दिया है। 8 अक्टूबर को मुकदमे में संपत्ति सील होने के कारण थाने से अनापत्ति ली गई, जिसके बाद आज मदरसे के हिस्से का ध्वस्तीकरण किया गया।
बताया गया कि मस्जिद के लिए दी गई जमीन में अवैध रूप से मदरसा बनाकर चलाया जा रहा था और 8 अक्टूबर की छापेमारी में मदरसे में कई अवैध गतिविधियां पाई गई थीं। इसके बाद तल्लीताल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। ये छापेमारी एक परिजन की शिकायत पर की गई थी, जिसमें बच्चों को रिहा कराया गया और मदरसे को सीलकर कर दिया गया था।
नैनीताल में ज्योलिकोट के वीरभट्टी पुल के समीप एक अंजुमन इकरा नाम से वर्ष 2010 में मदरसा खोला गया था, जिसमें कक्षा 5 तक के बच्चों को तालीम दी जाती थी। अचानक, एक परिजन ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बड़ी शिकायत की। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम पुलिस के साथ मदरसे में पहुंची थी। मदरसे के निरीक्षण में लगभग सभी आरोप सही पाए गए थे। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर सील किया था और बच्चों ने अपने साथ हो रही नाइंसाफी की दास्तान सुनाई थी।
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