‘जब तक हमास को ब्रह्मांड से नहीं मिटा देते, हम चैन से नहीं बैठेंगे’ —मे.जन. (से.नि.) येर रविद
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‘जब तक हमास को ब्रह्मांड से नहीं मिटा देते, हम चैन से नहीं बैठेंगे’ —मे.जन. (से.नि.) येर रविद

येर रविद से हमास के साथ चल रहे युद्ध और इस्राएल के हमास विरोधी आपरेशन, इस्राएल की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर बातचीत

by अरुण लक्ष्मण
Oct 30, 2023, 08:02 am IST
in विश्व, साक्षात्कार
मेजर जनरल (से.नि.) येर रविद

मेजर जनरल (से.नि.) येर रविद

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इस्राएल के गुप्तचर हलकों और सुरक्षा प्रतिष्ठानों में मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) येर रविद एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। छद्म नाम ‘अबू दाउद’ से जाने जाने वाले येर रविद ने कई देशों में इस्राएल की खतरनाक गुप्तचर एजेंसी मोसाद के लिए कई अभियानों का नेतृत्व किया है। तेल अवीव में अरुण लक्ष्मण ने मेजर जनरल (से.नि.) येर रविद से हमास के साथ चल रहे युद्ध और इस्राएल के हमास विरोधी आपरेशन, इस्राएल की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-

इस्राएल को हाल के वर्षों की सबसे बड़ी आपदाओं में से एक का सामना करना पड़ा है। कई लोगों ने इसे नरसंहार से जोड़ा है। इस पर आप क्या कहेंगे?
हां, सचमुच यह एक बड़ी राष्ट्रीय आपदा है। हमने अपने 1400 नागरिकों को खो दिया है और 200 से अधिक नागरिक आतंकवादियों की कैद में हैं। वास्तव में हम एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। हालांकि, जैसा कि आप जानते हैं हम लचीले और सख्त लोगों का समुदाय हैं। हम इससे उबरेंगे और अपने देश और इसके आसपास शांति और सामान्य स्थिति लाएंगे।

क्या आपको लगता है कि इसमें खुफिया विफलता थी? क्या मोसाद इस खतरे का पता लगाने में असफल रहा?
आपको दूं कि मोसाद किसी भी तरह से पड़ोसी इलाकों की खुफिया जानकारी हासिल नहीं करता है। यह काम पूरी तरह से शिन बेट और मिलिट्री इंटेलिजेंस द्वारा किया जाता है। वास्तव में यह विफलता नहीं, बल्कि एक तरह की आत्मसंतुष्टि थी। हम अति आत्मविश्वासी हो गए थे। जो भी हो, ऐसा नहीं होना चाहिए था। अभी इस पर बोलने का समय नहीं है, क्योंकि हम युद्ध में हैं और युद्ध के अपने तार्किक निष्कर्ष होंगे।

खुफिया हलकों में आप अबू दाउद के नाम से जाने जाते थे। इसके पीछे क्या कारण था?
उन दिनों मैं लेबनान में काफी अंदर तक था और वहां कई अभियानों में शामिल था। इसलिए मेरी मित्र मंडली ने मुझे यह नाम दे दिया था। मैं इसके बारे में ज्यादा खुलासा नहीं करना चाहूंगा।

जैसा कि आप जानते हैं, हमास ने इस्राएल को बड़ा झटका दिया है और बड़ी संख्या में जान ली है। अब आप क्या करने जा रहे हैं?
हमास को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसा मैं सिर्फ कहने के लिए नहीं कह रहा हूं। जो कोई भी इस्राएल और हमारी मशीनरी को जानता है, वह इसे अच्छी तरह से समझता है। हम साजिश में भाग लेने वाले हर शीर्ष हमास नेता के पीछे जाएंगे और उनका नामोनिशान मिटा देंगे। हम इस सब पर ठोस जानकारी हासिल कर रहे हैं। फिर योजना को व्यवस्थित रूप से क्रियान्वित करेंगे। कोई भी हमारे हाथ से छूटकर नहीं जाएगा।

यह इस्राएल की खुफिया एजेंसी की विफलता नहीं, बल्कि एक तरह की आत्मसंतुष्टि थी। हम अति आत्मविश्वासी हो गए थे। जो भी हो, ऐसा नहीं होना चाहिए था। अभी इस पर बोलने का समय नहीं है, क्योंकि हम युद्ध में हैं और युद्ध के अपने तार्किक निष्कर्ष होंगे।

क्या आपको लगता है कि इस्राएल पर हुए हमलों के पीछे ईरान का हाथ है?
इजराइल इसकी परवाह नहीं करता कि इन हमलों के पीछे ईरान है या कोई और देश। ईरान हमेशा से हमास, हिजबुल्लाह और कई अन्य सीमांत तत्वों का भी समर्थन करता रहा है। हमें इन सभी के बारे में ठोस जानकारी मिल गई है और हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। एक देश के रूप में हमने प्रतिज्ञा की थी कि हम एक और नरसंहार नहीं होने देंगे। इसलिए जब तक हम उन्हें इस ब्रह्मांड से मिटा नहीं देते, हम चैन से नहीं बैठ सकते। जब तक हमास पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, तब तक इस्राएल और उसकी सेनाओं को चैन नहीं मिलेगा। ऐसा होने वाला है।

इस्राएल ने गाजा पट्टी के पास भारी सेना जुटा ली है और खबरें हैं कि जमीनी हमला शुरू होने वाला है। क्या ऐसा कुछ है, जो इस्राएल को हमले के लिए प्रेरित कर रहा है?
निश्चित रूप से इस्राएल अपने सशस्त्र बलों के साथ गाजा पट्टी पर हमला करेगा और जमीनी हमला होगा। हमले का समय तय करना सेना का काम है और इसके लिए सेना तैयार है। जैसा कि मैंने पहले कहा था कि हम सलाह की परवाह नहीं करते हैं। पहले इस लड़ाई को खत्म कर लें, फिर बात करेंगे। इसलिए हम गाजा पट्टी पर धावा बोलेंगे और उन्हें खत्म कर देंगे।

ऐसी खबरें हैं कि हमास ने कई भूमिगत सुरंगें बना रखी हैं। जमीनी हमले के दौरान ये सुरंगें इस्राएल के लिए एक बड़ी समस्या होंगी। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
एक बिंदु है, जिसके आगे कोई भी सुरंग में छिप नहीं सकता। इसके लिए आक्सीजन, ईंधन और कई अन्य कारकों की आवश्यकता होती है। उन्हें इन सुरंगों से बाहर निकाला जाएगा। मुझे आशा है कि आप जानते होंगे कि हमारे पास सबसे अच्छी यूनिट है, जो जमीन के नीचे सुरंगों में लड़ सकती है। यह एक युद्ध है, जिसके खतरे को हमें खत्म करना है और हम इससे पूरी ताकत से लड़ेंगे।

1972 के म्यूनिख ओलंपिक में इस्राएली एथलीटों की हत्या का बदला लेने के लिए मोसाद ने आपरेशन चलाया था। क्या आप इस अभियान के बारे में बताना चाहेंगे?
यह रिकॉर्ड पर है कि म्यूनिख ओलंपिक गांव में इस्राएली एथलीटों की हत्या के षड्यंत्र के पीछे जो भी लोग थे, उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी। हर वह व्यक्ति जो इस षड्यंत्र के पीछे था और जो कई यूरोपीय शहरों में बस गए थे, उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मार डाला गया। मैं उस पर ज्यादा नहीं बोल पाऊंगा।

Topics: Hezbollahइस्राएल की खुफिया एजेंसीइस्राएली एथलीटों की हत्याइस्राएल के हमास विरोधी आपरेशनअबू दाउदइस्राएल की सुरक्षाईरान हमेशा से हमासइस्राएल ने गाजा पट्टीमिलिट्री इंटेलिजेंसMurder of Israeli athletesAbu DawoodIran has always been HamasMilitary IntelligenceIsrael Gaza Stripहिजबुल्लाहम्यूनिख ओलंपिक गांव
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