साबरमती संवाद के एक सत्र ‘जी-20 और वी-20’ में दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने अपने विचार रखे
इस्राएल में जो हुआ है, वह पहली बार नहीं हुआ। जिस सोच से आज इस्राएल लड़ रहा है, उसी सोच से पिछले कई सौ साल से भारत भी लड़ रहा है। महिलाओं पर अत्याचार, निहत्थे-बेगुनाह लोगों का कत्लेआम, भारत ने यह सब सैकड़ों वर्ष पहले देखा है। इतिहास को समझने वाला व्यक्ति यह मानेगा कि जब काशी, मथुरा और अयोध्या में मंदिरों को तोड़ा गया होगा, तब उस समय यही दृश्य रहा होगा, जो आज इस्राएल में देखा गया। जब भारत का विभाजन हुआ तब कोलकाता की गलियों ने, मोपला नरसंहार में केरल ने, 1989-1990 में कश्मीर के हिंदुओं ने भी यही दृश्य देखा होगा।
इससे हम सबको सबक सीखने की जरूरत है। सबक सीखने का सबसे अच्छा तरीका उन लोगों की पहचान करना है जो आतंकी हमलों के बाद उस पर परदा डालते हैं। ऐसे लोग आतंकवादियों से भी अधिक खतरनाक हैं। अभी फिलिस्तीन के समर्थन में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में रैली निकाली गई। मैं पूछना चाहता हूं कि भारत की संसद पर हमला हुआ, मुंबई में 26/11 आतंकी हमला और रेल में बम ब्लास्ट हुआ, संकट मोचन हनुमान मंदिर पर हमला हुआ, तब क्या इसके विरोध में एएमयू में कोई रैली निकली? कभी नहीं। तो यह कौन-सा ब्रदरहुड है?
कट्टरपंथी मुसलमानों की मानसिकता से अधिक दूषित मानसिकता कांग्रेसियों और कम्युनिस्टों की है, क्योंकि यही लोग इन्हें बढ़ावा देते हैं। कांग्रेस की मानसिकता ही आतंकियों को पीड़ित बताना है। वह हत्यारों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस और वामपंथ का इकोसिस्टम आतंकियों की ढाल बनकर खड़ा होता है और उसी ढाल के पीछे देश और दुनिया में नैरेटिव गढ़ता है।
जेएनयू में एसएफआई की अध्यक्ष आयशी घोष का बयान देखें, यही लोग आतंकवादी अफजल के साथ खड़े थे। ये लोग जिहाद और जिहादियों की ढाल बनते हैं। इसलिए हमें यह पहचानना होगा कि देश का असली दुश्मन कौन है? हिंदू इकोसिस्टम बनाने का हमारा एकमात्र उद्देश्य है, पीड़ित को मदद पहुंचाना। पहले पीड़ित हिंदू तक मदद पहुंचना असंभव-सा था। कांग्रेस का इकोसिस्टम सिर्फ हत्यारों की मदद करता है।
दिल्लीवासियों ने दंगों में आआपा का चेहरा, इनकी बेशर्मी, कोरोनाकाल का धोखा, शराब की नदियां, शीश महल देख लिया है। इनका जो आईएनडीआई एलायंस बना है, उसके नाम पर भी ये चुनाव में नहीं जा सकते, क्योंकि यूपीए गठबंधन पहले ही ढेरों पाप कर चुका है। इनका गठबंधन देशविरोधी, धर्म विरोधी और भ्रष्टाचारी लोगों का समूह है। सब खुद को और अपने बच्चों को बचाने के लिए इकट्ठे हुए हैं।
सनातन को गाली केवल स्टालिन नहीं दे रहे हैं। सनातन पर हमले मध्य प्रदेश में भी हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में कन्वर्जन, महाकाल की सवारियों पर जिहादियों के थूकने पर भी कमलनाथ, उनके साथियों और कांग्रेस ने कुछ बोला? छिंदवाड़ा में तो खुद कमलनाथ ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर बुलडोजर चलवाया था। ये कुर्ते के ऊपर जनेऊ पहनने वाले हिंदू हैं।
आम आदमी पार्टी की मजबूरी है कि पार्टी में जितना बड़ा चोर होगा, वह उतनी ही जोर से चिल्लाएगा। संजय सिंह उन्हीं में से एक हैं। शराब घोटाले में अब तक आआपा के जितने मंत्री, विधायक, सांसद और उनके गुर्गे जेल गए हैं, उनके सबसे पुख्ता सबूत संजय सिंह के खिलाफ मिले हैं, जो सबसे अधिक शोर मचाते थे। खुद को क्लीन चिट देना ही इस पार्टी की नीति है। सबसे अधिक शोर मचाने वाला भी बहुत जल्द जेल जाएगा।
दिल्लीवासियों ने दंगों में आआपा का चेहरा, इनकी बेशर्मी, कोरोनाकाल का धोखा, शराब की नदियां, शीश महल देख लिया है। इनका जो आईएनडीआई एलायंस बना है, उसके नाम पर भी ये चुनाव में नहीं जा सकते, क्योंकि यूपीए गठबंधन पहले ही ढेरों पाप कर चुका है। इनका गठबंधन देशविरोधी, धर्म विरोधी और भ्रष्टाचारी लोगों का समूह है। सब खुद को और अपने बच्चों को बचाने के लिए इकट्ठे हुए हैं।
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