प्रधानमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर देवभूमि के महत्व को रेखांकित करने के लिए राज्य की जनता की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आभार जताते हुए लिखा-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मानसखंड क्षेत्र स्थित आदि कैलाश और जागेश्वर धाम की यात्रा की। यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने लिखा, ‘‘यदि कोई मुझसे पूछे कि अगर आपको उत्तराखंड में एक जगह अवश्य देखनी चाहिए, तो वह कौन सी जगह होगी? तो मैं कहूंगा कि आपको राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर अवश्य देखना चाहिए। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और दिव्यता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।’’
अपनी दूसरी पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘‘बेशक, उत्तराखंड में घूमने लायक कई प्रसिद्ध स्थान हैं और मैंने भी अक्सर उत्तराखंड का दौरा किया है। इसमें केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र स्थान शामिल हैं, जो सबसे यादगार अनुभव हैं। लेकिन कई वर्षों के बाद पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर में लौटना विशेष रहा।’’ प्रधानमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर देवभूमि के महत्व को रेखांकित करने के लिए राज्य की जनता की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आभार जताते हुए लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री जी के आदि कैलाश, पार्वती कुंड और जागेश्वर धाम के ऐतिहासिक भ्रमण से न केवल इन पवित्र स्थलों को नई पहचान मिली है, बल्कि स्थानीय लोगों की समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। मानसखंड मंदिर माला मिशन को वैश्विक पहचान दिलाने एवं देवभूमि उत्तराखंड के प्रति आपके असीम स्नेह एवं प्रेम हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से आभार।’’ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उत्तराखंड दौरे के दो दिन बाद साझा की गई पोस्ट राज्य के प्रति उनके लगाव को दर्शाती है। धामी ने कहा कि पार्वती कुंड में भव्य शिवालय स्थापित करने की प्रधानमंत्री की इच्छा को भी जल्दी ही पूरा कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने व्यास घाटी में सीमा पर तैनात आईटीबीपी और एसएसबी जवानों के साथ कुछ समय बिताया और ‘भारत माता की जय’ का जयघोष भी किया। व्यास घाटी के बाद प्रधानमंत्री ने अल्मोड़ा जिले में महामृत्युंजय शिवालय जागेश्वर धाम में रुद्राभिषेक किया और आदि कैलाश के पार्वती कुंड में भव्य शिवालय स्थापित करने की इच्छा जताई। इसके बाद उन्होंने पिथौरागढ़ में एक विशाल जनसभा को भी संबोधित किया
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने मानसखंड में आदि कैलाश के सामने बैठकर शिव की अराधना और पार्वती कुंड के मंदिर में पूजा-अर्चना की। ॐ पर्वत के निकट लीपूपास में ‘व्यू प्वाइंट’ विकसित किया गया है, जहां से उन्होंने पावन कैलाश पर्वत के दर्शन किए। सुविधा की दृष्टि से केंद्र और राज्य सरकार व्यास घाटी के इन पावन स्थलों को विकसित कर रही है। तिब्बत सीमा तक सड़क बनने के बाद यहां पहुंचना आसान हो गया है। पहले लगभग 70 किमी. पैदल चलना पड़ता था। अब इसे हेलिकॉप्टर सेवा से भी जोड़ा जा रहा है। व्यास घाटी के निवासियों को राज्य सरकार ‘होम स्टे’ खोलने के लिए भी मदद कर रही है। यहां के गांवों को ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ में शामिल किया गया है।
‘‘प्रधानमंत्री जी के आदि कैलाश, पार्वती कुंड और जागेश्वर धाम के ऐतिहासिक भ्रमण से न केवल इन पवित्र स्थलों को नई पहचान मिली है, बल्कि स्थानीय लोगों की समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। मानसखंड मंदिर माला मिशन को वैश्विक पहचान दिलाने एवं देवभूमि उत्तराखंड के प्रति आपके असीम स्नेह एवं प्रेम हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से आभार।’’
प्रधानमंत्री ने व्यास घाटी में सीमा पर तैनात आईटीबीपी और एसएसबी जवानों के साथ कुछ समय बिताया और ‘भारत माता की जय’ का जयघोष भी किया। उन्होंने सीमावर्ती ग्राम गुंजी में स्थानीय जनजाति समाज कल्याण संस्था से जुड़े लोगों द्वारा निर्मित वस्त्र धारण करके पूजा-अर्चना की और उनके उत्पादों को भी देखा। व्यास घाटी के बाद प्रधानमंत्री ने अल्मोड़ा जिले में महामृत्युंजय शिवालय जागेश्वर धाम में रुद्राभिषेक किया और आदि कैलाश के पार्वती कुंड में भव्य शिवालय स्थापित करने की इच्छा जताई। इसके बाद उन्होंने पिथौरागढ़ में एक विशाल जनसभा को भी संबोधित किया और सनातन संस्कृति के साथ देश की रक्षा करने वाले उत्तराखंड के सैन्य कर्मियों की प्रशंसा की।
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