इस्राएल पर हमास के अचानक हमला बोलने के बाद, इस्राएल द्वारा दिए जबरदस्त जवाब के बीच इस्लामी देश संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने बाकी इस्लामी देशों से अलग सोच दर्शाते हुए इस्राएल के पक्ष में बयान दिया है। इस देश ने इस्राएल पर हमास के हमलों को बहुत गंभीर बताते हुए कहा है कि हम आम इस्राएली नागरिकों को उनके घरों से पकड़ ले जाने के समाचार पढ़कर हैरान हैं। यूएई से पूर्व अमेरिका, जर्मनी, यूके तथा भारत भी इस्राएल के साथ अपना पूरा समर्थन व्यक्त कर चुके हैं।
इन पंक्तियों के लिखे जाते वक्त भी हमास को इस्राएल की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। गाजा स्थित हमास के कई ठिकाने ध्वस्त किए जा चुके हैं। दोनों पक्षों में भयंकर युद्ध चल रहा है। इस्राएल ने अपने अनेक शहरों से हमास के आतंकवादियों को निकाल बाहर किया है और कितनों ही को बंधक बना लिया है। इसके साथ ही इस्राएल ने अपनी सीमाओं की चौकसी बढ़ा दी है। बताया जाता है कि अभी तक दोनों पक्षों के करीब 1300 लोग काल के गाल में समा चुके हैं। हजारों घायल हुए हैं।
इस्राएल और जिहादी संगठन हमास के साथ समर्थन व्यक्त करते हुए, अनेक देश सामने आए हैं। हमास के साथ अनेक मुस्लिम देश आ जुटे हैं। लेकिन इससे ठीक उलट संयुक्त अरब अमीरात पहला ऐसा इस्लामी देश है जिसने इस्राएल के प्रति हमदर्दी व्यक्त की है।
हमास के औचक हमले से पूरी दुनिया हैरत में आ गई थी। जहां पश्चिमी देशों ने इस्राएल के पाले में अपना मत व्यक्त किया है तो वहीं तुर्की और सीरिया जैसे देशों ने हमास की मदद के लिए अपने लड़ाकू विमान और अन्य युद्धक सामग्री रवाना की है। ईरान में तो हमास के इस हमले का जोर—शोर से जश्न मनाया गया। उधर पाकिस्तान ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया है।
उधर अमेरिका के कट्टर विरोधी शिया बहुल ईरान ने फिलिस्तीनी जिहादी संगठन हमास के हमले की तारीफ की है। अनेक पश्चिमी देशों में बसे कट्टर मजहबियों ने भी फिलिस्तीनी झंडे लेकर हमास के पक्ष में प्रर्दशन किए जिनमें इस्राएल में उसकी अमानवीय करतूतों की तारीफें की गईं।
इस्राएल युद्ध की घोषणा कर ही चुका है, उसके सैनिक देश के चप्पे चप्पे पर तैनात हैं और बड़ी संख्या में दस्ते गाजा की ओर रवाना हो चुके हैं। गत शनिवार को हमास के औचक हमले से पूरी दुनिया हैरत में आ गई थी। जहां पश्चिमी देशों ने इस्राएल के पाले में अपना मत व्यक्त किया है तो वहीं तुर्की और सीरिया जैसे देशों ने हमास की मदद के लिए अपने लड़ाकू विमान और अन्य युद्धक सामग्री रवाना की है। ईरान में तो हमास के इस हमले का जोर—शोर से जश्न मनाया गया। उधर पाकिस्तान ने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया है।
लेकिन यूएई ने अपने मत से जहां मुस्लिम देशों को हैरान किया है वहीं इस्राएल भी आश्चर्य में है। यूएई कट्टर मुस्लिम देश है जो यहूदियों के देश के पाले में उतरा है और हमास के हमले की निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि अनेक देश हैं जिन्होंने इस्राएल के प्रति अपना समर्थन व एकजुटता दिखाने के लिए अपने देश की मशहूर इमारतों को रोशनी के माध्यम से इस्राएल के झंडे के रंगों में जगमगाया है। यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के आधिकारिक निवास पर इस्राएली झंडे का रंग चमका तो जर्मनी के शहर बर्लिन में ब्रांडेनबर्ग गेट नीले रंग में नहाया दिखा। उधर अमेरिका की मशहूर एम्पायर स्टेट बिल्डिंग भी नीले और सफेद रंग की रोशनी से नहाई हुई दिखाई दी।
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