देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में लंबे वक्त से जारी मैतेई और कुकी हिंसा को भड़काने के पीछे बांग्लादेश और म्यांमार के उग्रवादी संगठनों का हाथ होने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने अपनी जाँच में खुलासा किया है कि दोनों देशों में रह रहे ये उग्रवादी संगठन मणिपुर में मैतेई और कुकी दोनों समुदायों को आपस में लड़ाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की फिराक में हैं।
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जाँच रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में भारत के ही उग्रवादी संगठन के नेता भी इनका साथ दे रहे हैं। इन्हीं के जरिए बांग्लादेश और म्यामार के आतंकी संगठन मणिपुर में गोला और बारूद समेत तमाम साजो सामान पहुँचा रहे हैं। आतंकी संगठन हथियारों की खरीद के लिए फंडिंग भी कर रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा
गौरतलब है कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच हो रही हिंसा पर एनआईए की पैनी नजर है। जाँच एजेंसी को शक था कि कहीं से तो इस हिंसा की आग को भड़काया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को जाँच एजेंसी ने राज्य में फैली जातीय हिंसा का फायदा उठाकर भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचने के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान जो जानकारी निकलकर सामने आई, उसने सबके होश फाख्ता कर दिए। दरअसल, इस हिंसा के बहाने बांग्लादेशी और म्यामार के आतंकी और उग्रवादी संगठन भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी कर रहे थे।
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सैकड़ों जिंदगियाँ चढ़ीं हिंसा की भेंट
इसी साल मई के महीने में मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हाल ही में दो अन्य छात्रों का शव मिलने के बाद एक बार फिर से राज्य में कई जगहों पर हिंसा भड़क गई थी। इन हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।
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