हिंदुओं को कनाडा से निकलने की गीदड़ भभकी देने वाला खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू के खिलाफ कनाडा में ही आवाज उठनी शुरू हो चुकी है। पन्नू के खिलाफ हिन्दू फोरम कनाडा ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है। फोरम के वकील पीटर थॉर्निंग ने कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर से पन्नू के प्रवेश पर रोक लगाने की अपील की है। थॉर्निंग ने अपने खत में बताया कि पन्नू की धमकियों की वजह से न केवल हिन्दुओं को बल्कि बहुत सारे कनाडाई समुदाय के लोगों में भी डर का माहौल है। इसके बाद उन्होंने पन्नू पर हिन्दुओं के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप में कार्रवाई करने और उसके कनाडा आने पर बैन लगाने की मांग की। थॉर्निंग ने आगे लिखा है कि कनाडा को किसी भी खास समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने की कोशिशों को स्वीकार न करते हुए सख्ती करनी चाहिए। खत में हिन्दू फोरम ने बताया है कि कैसे पन्नू के वीडियो का गलत असर न केवल बड़े लोगों पर बल्कि स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बच्चों पर भी पड़ रहा है।
थॉर्निंग ने कहा है कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ये जरूरी है कि कनाडा ऐसे भाषणों को नजरअंदाज न करे। फोरम ने ये भी कहा है कि अगर वीडियो बनाते वक्त पन्नू कनाडा में ही था तो उस पर हिंसा भड़काने की कोशिश करने के आरोप में पूछताछ और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। थॉर्निंग ने बताया कि पन्नू और उसके सहयोगी सोशल मीडिया पर लगातार एक वीडियो शेयर कर रहे हैं, जिसमें सभी हिन्दुओं को कनाडा छोड़कर भारत जाने के लिए कहा जा रहा है। पन्नू ने हिन्दू समुदाय के लोगों पर आरोप लगाया है कि वो उसी देश के खिलाफ काम कर रहे हैं, जहां रहकर उनका गुजारा होता है।
दरअसल, करीब एक हफ्ते पहले पन्नू ने वीडियो जारी करके भारतीय मूल के हिंदुओं को कनाडा छोड़कर वापस जाने की धमकी दी थी। वीडियो में उसने कहा था कि हिंदुओं का देश भारत है और वे कनाडा को छोड़कर इंडिया लौट जाएं। कनाडा में वही सिख रहेंगे, जो खालिस्तान समर्थक हैं। पन्नू ने ये भी कहा था कि खालिस्तान समर्थक सिख हमेशा कनाडा के लिए वफादार रहे हैं और देश के कानूनों और संविधान का पालन करते हैं।
थॉर्निंग ने कनाडाई प्रशासन को भारत के साथ गहरे संबंधों की याद दिलाई, जो खालिस्तानी तत्वों के कारण राजनीति में फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि पन्नू एक घोषित आतंकवादी है। उसका संगठन स्स्नछ्व भारत में प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि कनाडा और भारत के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय संबंध हैं, जो लोकतंत्र, मजबूत पारस्परिक संबंधों की साझा परंपराओं पर आधारित हैं। कनाडा वो देश है जहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। यहां लगभग 4 प्रतिशत कनाडाई भारतीय विरासत के हैं।
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