मुंबई। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में चौथी पूरक चार्जशीट सोमवार को दायर की। क्राइम ब्रांच की 405 पेज की चार्जशीट में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर हुसैन राणा का नाम है। उस पर आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव होने का आरोप है।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) मामलों की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में राणा पर 26/11 हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का समर्थन करने का उल्लेख है। हेडली ने मुंबई हमलों की रेकी की थी। आतंकी हमले से पहले तहव्वुर मुंबई के एक होटल में 10 दिन तक रुका था। क्राइम ब्रांच ने आरोप पत्र में उसके पासपोर्ट की कॉपी भी जमा की है जो उसने होटल में रहने के दौरान जमा की थी। तहव्वुर राणा ने 11 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 तक अपने नाम पर एक होटल का कमरा बुक किया था। होटल में ठहरने और होटल से पुलिस को जो अन्य सबूत मिले, उनका उल्लेख आरोप पत्र में है। तहव्वुर फिलहाल एक पत्रकार की हत्या के मामले में अमेरिका की जेल में बंद है।
तहव्वुर के खिलाफ सबूत कल अदालत में पेश किए जाएंगे: उज्जवल निकम
26/11 मुंबई आतंकी हमले मामले के विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा कि अदालत पंजीकरण प्रक्रिया आज पूरी नहीं हो सकी। कल हम अदालत के सामने तहव्वुर राणा के खिलाफ सबूत पेश करेंगे और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध करेंगे। भारत सरकार ने अमेरिका से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग की है। तहव्वुर ने अमेरिकी धरती पर अपराध किया है। भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के कारण राणा के भारत प्रत्यर्पण में कोई कठिनाई नहीं होगी। तहव्वुर राणा ने कैलिफोर्निया की अदालत में जो दलील दी है, वह गले नहीं उतरेगी।
इससे पहले 26/11 मुंबई आतंकी हमले मामले के विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम ने कहा था कि मामले में आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा का संभावित प्रत्यर्पण अब कुछ महीनों का सवाल है। अब यह सब अमेरिकी प्रशासन पर निर्भर करेगा कि तहव्वुर को मुकदमे के लिए भारत वापस कब भेजा जाता है। विवादास्पद सवाल यह है कि उस पर मुकदमा कहां चलाया जाएगा, चाहे दिल्ली में एनआईए अदालत में या कहीं और, उन सवालों का फैसला जांच एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
निकम का बयान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 26/11 के मुंबई हमलों में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाने की मांग की थी। हालाँकि, पटेल ने कहा कि तहव्वुर की प्रत्यर्पण प्रक्रिया एक “लंबित मामला” है।
एक अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट को खारिज कर दिया, जिससे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो गया, जहां वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहा है।
हेडली था बचपन का दोस्त
तहव्वुर हुसैन को मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 175 लोग मारे गए थे। तहव्वुर ने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर आतंकी हमलों को अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने की साजिश रची थी। डेविड हेडली ने अपना दोष स्वीकार कर लिया था और तहव्वुर राणा के खिलाफ गवाही दी थी।
26 नवंबर 2008 को हुआ था हमला
26 नवंबर 2008 की शाम को शुरू हुए 26/11 मुंबई हमले ने मुंबई शहर को हिलाकर रख दिया था। दस आतंकियों ने समुद्री मार्ग के जरिये पाकिस्तान से मुंबई में घुसपैठ की और सिलसिलेवार हमलों को अंजाम दिया। इस हमले में 175 लोगों की मौत हुई। हमलावरों ने लियोपोल्ड कैफे, ताज पैलेस होटल, द ट्राइडेंट होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस जैसे प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया था।
टिप्पणियाँ