नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अपने हालिया अमेरिकी दौरे में एक दर्जन से ज्यादा विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने अमेरिका में 25वीं अंतरराष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी (आईएसएस) में भी भाग लिया। इस संगोष्ठी ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग बढ़ाने के साझा दृष्टिकोण की दिशा में विदेशी मित्र देशों के साथ जुड़ने का मौका दिया।
संयुक्त राज्य अमेरिका में 19 से 22 सितंबर तक हुई अंतरराष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी (आईएसएस) का आयोजन अमेरिकी नौसेना ने यूएस नेवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट, रोड आइलैंड में किया। इस संगोष्ठी ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग बढ़ाने के साझा दृष्टिकोण की दिशा में विदेशी मित्र देशों के साथ जुड़ने का मौका दिया। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, फिजी, इजरायल, इटली, जापान, केन्या, पेरू, सऊदी अरब, सिंगापुर और ब्रिटेन सहित विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।
राजकीय यात्रा के दौरान आयोजित व्यापक कार्यक्रम स्वतंत्र खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र एवं अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था के विजन को साकार करने की दिशा में भारतीय नौसेना की दृढ़ता का प्रदर्शन है। यात्रा के दौरान मालाबार, सी ड्रैगन, टाइगर ट्रायम्फ और आरआईएमपीएसी जैसे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों में भारतीय नौसेना के साथ अमेरिकी नौसेना (यूएसएन) के परिचालन दिशा में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में पारस्परिकता को संस्थागत बनाने के लिए दोनों नौसेनाओं के बीच नियमित विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान भी हुआ।
आईएसएस के मौके पर नौसेना प्रमुख ने प्रशिक्षित कर्मियों की भर्ती के संदर्भ में मानव संसाधन प्रबंधन की चुनौतियों, अग्निपथ योजना, महिलाओं को सशक्त बनाने और भारतीय नौसेना को लिंग-तटस्थ बल बनाने की दिशा में भारत की पहल के बारे में विस्तार से बात की। नौसेना प्रमुख की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विविध भागीदारों के साथ जुड़ने के लिए नौसेना से नौसेना की शीर्ष स्तर की भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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