हरिपुर( देहरादून)। उत्तराखंड में गंगा की तरह अब यमुना जी पर भी पावन घाट बनाने का काम शुरू किया गया है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रोचारण के बीच हरिपुर में इस सनातन कार्य की नींव रखी। देहरादून जिले में कालसी ब्लॉक में हरिपुर वह आध्यात्मिक तीर्थ स्थल है जो कभी यमुना जी की प्रलयकारी बाढ़ में बह गया था। इस धार्मिक आस्था के केंद्र को पुनर्स्थापित किए जाने का संकल्प धामी सरकार ने लिया है।
हरिपुर में यमुना जी हिमालय, शिवालिक से होते हुए शांत भाव से बहती हुए हिमाचल और हरियाणा की तरफ चली जाती हैं। उल्लेखनीय है कि कृष्ण जी की यमुना का उद्गम स्थल उत्तराखंड में यमुनोत्री है। पौराणिक ग्रंथ यही कहते हैं कि यमुना जी ने ही भगवान कृष्ण के चरण सर्वप्रथम स्पर्श किए थे और वासुदेव जी को मार्ग देकर उन्हें सुरक्षित पहुंचाया था।
हरिपुर में यमुना जी पर पावन घाट के शिलान्यास के अवसर पर उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र है और हरिपुर इसका प्रवेश द्वार है। इस जनजाति क्षेत्र के लोगों की जमुना जी आराध्य देवी हैं, उनका जीवन-मरण पावन यमुना जी के साथ है। हरिपुर जमुना घाट के शिलान्यास के अवसर पर स्थानीय महिलाए परंपरागत वेशभूषा में थीं। उनके भाव कुछ ऐसे थे मानों उनकी बरसों पुरानी इच्छा पूरी हुई हो। सैकड़ों की संख्या में युवा भगवा पताका लहरा रहे थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि मेरे लिए ये भावुक पल थे जब मैने मां जमुना जी घाट बनाने का संकल्प लिया। ऐसा लगा रहा था जैसे मां जमुना कह रही हों मैंने तुम्हें बुलाया है और तुम मेरा वैभव फिर से स्थापित करो। यमुनोत्री दिल्ली हाईवे पर हरिघाट में लाखों श्रद्धालु यहां आने वाले हैं, सभी का यहां स्वागत करें, उनके अच्छे से रहने की व्यवस्था करें। यहां के तीर्थाटन से रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं।
इस अवसर पर सांसद माला राज लक्ष्मी, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, बीजेपी नेता राम शरण नौटियाल, कुलदीप कुमार, विनय रोहिला, मथुर सिंह चौहान और स्थानीय जन प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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