सनातन धर्म को नकारना अपने होने को नकारना है, शत्रु मिट गए पर सनातन नहीं, क्या उदयनिधि स्टालिन यह नहीं जानते
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सनातन धर्म को नकारना अपने होने को नकारना है, शत्रु मिट गए पर सनातन नहीं, क्या उदयनिधि स्टालिन यह नहीं जानते

उदयनिधि स्टालिन का बयान उनके अज्ञान का परिचायक, भारतीय संस्कृति का रक्षक और गढ़ रहा है तमिलनाडु

by दीपक सिंघल
Sep 4, 2023, 11:40 pm IST
in भारत
उदयनिधि स्टालिन

उदयनिधि स्टालिन

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र, तमिलनाडु के विधान सभा के सदस्य एवं मंत्री ने कल एक आह्वान किया है कि सनातन धर्म का विनाश कर देना चाहिए। उन्होंने सनातन धर्म को कई महामारियों से तुलना की है। उनका यह आह्वान क्योंकि केवल हास्यस्पद ही नहीं है अपितु अति दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद है और उनके अज्ञान का परिचायक है। इस वक्तव्य से अपनी ही तमिलनाडु की महान संस्कृति का अपमान किया है। मुरुगन, कार्तिकेय, संगम साहित्य, भक्ति काव्यश्री अण्डाल, महाकाव्य सिलप्पदिकरम्, मणिमेखलाई, तिरुवल्लुवर, तिरुक्कुरल इन सबका अपमान है।

उनके ये शब्द केवल तमिलनाडु ही नहीं सम्पूर्ण भारतवर्ष एवं उसके महान बौद्धिक इतिहास का अपमान है। हो सकता है उन्होंने वेद, उपनिषद, उपवेद, पुराण, रामायण, महाभारत, ब्राह्मण ग्रन्थ, प्रतिसाख्य, धर्मशास्त्र इत्यादि का नाम न सुना हो। इन सबको जानने के लिए एक अच्छी शिक्षा – और अच्छे गुरु के पास रहना आवश्यक है।

भारतीय सनातन संस्कृति की जो नाम माला है उसमें कुछ मोती ये ऋषि हैं- वाल्मीकि, वेद व्यास, कश्यप, चरक, जैमिनी, कणाद, पाणिनि, नागार्जुन, पतंजलि, भास्कराचार्य, चाणक्य, शंकराचार्य, रामानुजचार्य, माधवाचार्य, चैतन्य महाप्रभु, स्वामी हरिदास, ज्ञानेश्वर, नामदेव, कबीरदास, गुरू नानक, गुरू अर्जन देव, सूरदास, मीराबाई, एकनाथ, तुकाराम, जयदेव, सरलादास, शंकरदेव, दयानंद सरस्वती कुछ प्रकाश स्रोत हैं।

इन सबको नकारना अपने होने को ही नकारना है। उदय नहीं जानते कि तमिलनाडु भारतीय संस्कृति का रक्षक और गढ़ रहा है। चोल से चालुक्य तक जितने दक्षिण के राजवंश हुए हैं सबके सब सनातन धर्म के रक्षक थे। केवल रक्षक ही नहीं उनके द्वारा निर्मित सनातन मन्दिर वृहदेश्वर, श्रीरंगम, कपलिश्वर, विश्व की प्रत्यक्ष धरोहर का अभिन्न अंग और भारतीय संस्कृति की अमूल्य विभूतियाँ हैं । सनातन धर्म अब्राह्मिक नहीं है। ये विश्व की सबसे प्राचीनतम और अब तक की जीवित जीवन शैली है। विदेशियों की नकल पर उनके द्वारा फैलाई गयी भ्रान्तियों के आधार पर वर्ण व्यवस्था को कास्ट सिस्टम कहना एवं एक अन्यायपूर्ण, अक्षुण्ण, जन्म आधारित परम्परा मानना उच्च कोटि का अज्ञान है। विश्व का कोई भी समाज नहीं जिसमें चार भाग न हों- सोचने वाले, रक्षा करने वाले, धन उपार्जन वाले एवं पूरे समाज की व्यवस्थाओं की देखरेख करने वाले हो और यही वर्ण व्यवस्था है और यह जन्मजात नहीं है। ये वर्ण व्यवस्था सनातन धर्म में कभी भी अन्यायपूर्ण नहीं थी परन्तु 11वीं-12वीं शताब्दी के बाद मध्य युग में और आधुनिक ब्रिटिश काल में राजनीति कारणों से इसको तोड़-मरोड़कर जाति व्यवस्था का रूप दे दिया गया और जन्मना बना दिया गया। इसमें दोष धर्म का नहीं, राज्य करने वालों का है।

इन देशों में हैं सनातन के पदचिन्ह

उदयनिधि को ही पता ही होगा कि सनातन धर्म के पदचिन्ह पूरे विश्व में मिलते हैं- ब्रिटेन, अमेरिका, आयरलैण्ड, मिस्र, वियतनाम, थाइलैण्ड, मलेशिया, कम्बोडिया, जापान, जर्मनी, रूस, मंगोलिया, ईरान, इराक, अफगानिस्तान, आस्ट्रेलिया, मैक्सिको, अर्जेन्टीना, अब आदि जैसे देशों में भी पदचिन्ह उपलब्ध है।

शत्रु मिट गए परन्तु सनातन नहीं

तदनुसार सनातन धर्म की हत्या भारत में करने से कुछ न होगा। भारत में भी सनातन धर्म के शत्रु हजारों सालों से रहे हैं। शत्रु मिट गये परन्तु सनातन धर्म नहीं। यूनाइटेड नेशन्स के अनुसार मानवता के इतिहास में जो 46 संस्कृतियां हुई हैं सब नष्ट हो गईं, केवल सनातन धर्म ही जीवित है और जीवित रहेगा। एवरेस्ट की चोटी से माथा टकराने से माथा ही फूटेगा।

उसी दिन वेदविरोधी भी पैदा हुए

भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के विषय में वैश्विक स्तर पर इसी प्रकार का दुष्प्रचार विभिन्न औपनिवेशिक मानसिक विचारधारा के व्यक्तियों / संस्थाओं द्वारा पिछले कई वर्षों से किया गया है लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाए गये परितंत्र (इकोसिस्टम) के कारण ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण और समकालीन रूप से प्रासंगिक भारतीय संस्कृति की बौद्धिक एवं जीवन मूल्य को पूरा विश्व पहचान रहा है। इस प्रकार का दुराग्रह भारत के इतिहास में नया नहीं है। जिस दिन वेदों का निर्माण हुआ उसी दिन वेद विरोधी भी पैदा हुए क्योंकि उन विरोधियों के विरोध में प्रकाण्ड विद्वानों ने भारत के ज्ञान और संस्कृति की रक्षा की, इसी कारण से भारत की संस्कृति आज भी जीवित है और इसके तीन मूल सिद्धांतों “सर्वे भवन्तु सुखिन: ” ( सभी प्रसन्न हों), “वसुधैव कुटुम्बकम्” (पृथ्वी ही परिवार है), “सत-चित-आनन्द” (सत्य की खोज करने वाले सभी लोगों के लिए शाश्वत आनन्द) का विनाश कभी हो ही नहीं सकता है।

(लेखक आई.ए.एस. (से.नि.) और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव हैं।)

Topics: चोलचालुक्यCholaसनातन धर्मChalukyasanatana dharmaतमिलनाडुभारतीय संस्कृतिIndian CultureTamil Naduउदयनिधि स्टालिनUdhayanidhi Stalin
Share9TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

Azamgarh Tamannah Ghar wapsi in Sanatan dharma

घर वापसी: तमन्ना ने अपनाया सनातन धर्म, प्रेमी संग मंदिर में रचाई शादी

चातुर्मास के दिव्य ज्ञान-विज्ञान को हृदयंगम करें देश के सनातनी युवा

मुरुगा भक्त सम्मेलन में शामिल हुए भक्त

संगठित हिन्दू शक्ति का दर्शन

12 Mslum Adopted sanatan dharma

लखनऊ में 12 मुस्लिमों ने इस्लाम त्याग की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म

नवनिर्मित ‘जगन्नाथ धाम’

प्रसाद मंदिर का, बनाने वाले मुसलमान!

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies