Mission Suryayaan: चंद्रयान -3 के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब सूरज मिशन की तैयारी में है। सूरज के अध्ययन करने के मकसद से तैयार किया गया अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 पिछले दिनों बेंगलुरू से श्रीहरिकोटा लाया गया।
14 अगस्त को इसरो ने ट्वीट करके कहा कि सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-एल1, प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रही है। यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी), बेंगलुरु में साकार किया गया उपग्रह एसडीएससी-एसएचएआर श्रीहरिकोटा पहुंच गया है।
आदित्य एल-1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये अंतरिक्ष यान लॉन्च के चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचेगा। यहां पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी की जा सकती है।
सूर्य मिशन के लिए ‘आदित्य-एल1’ उपग्रह सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च होगा। ISRO अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने यह जानकारी दी। यह मिशन करीब 120 दिन में 15 लाख किमी की दूरी तय करेगा और सूर्य की कक्षा में पहुंचेगा। सौर वातावरण का अध्ययन कर डेटा एकत्र करेगा और फिर उसे पृथ्वी पर भेजेगा। इसरो अध्यक्ष ने बताया कि ‘आदित्य-एल1’ श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा।
गगनयान और फिर मिशन वीनस
‘आदित्य-एल1’ उपग्रह का नाम सूर्य के नाम पर रखा गया है। इसे पीएसएलवी द्वारा ले जाया जाएगा। सूर्य मिशन के बाद गगनयान मिशन लॉन्च होगा, जोकि भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा है। इसरो प्रमुख ने बताया कि गगनयान मिशन इस साल सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह में लॉन्च होगा। इसरो की 2024 में शुक्र के लिए ‘वीनस मिशन’ भी लॉन्च करने की योजना है।
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