गौरक्षक मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी को लेकर हरियाणा पुलिस ने बड़ा दावा किया है। पुलिस ने साफ किया है कि 31 जुलाई को हरियाणा के मेवात में हुई हिंसा में गौरक्षक मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी की कोई भूमिका नहीं है।
दरअसल हरियाणा राज्य की ADGP लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह ने कहा है कि हिंसा से एक दिन पहले गोरक्षक मोनू मानेसर का बयान भड़काऊ नहीं लगता। ADGP लॉ एंड ऑर्डर ने बिट्टू बजरंगी पर भी अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा कि फरीदाबाद से बिट्टू बजरंगी को नूंह हिंसा के केस में नहीं पकड़ा गया है। उसे पुलिस के साथ मिसबिहेव के केस में गिरफ्तार किया गया है।
एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए ADGP लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह ने कहा कि “यदि आप 31 जुलाई की यात्रा से पहले मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पोस्ट का ऑडियो सुनें, तो वह कहता है कि मैं यात्रा में शामिल होने आ रहा हूँ। आप भी इसमें शामिल हों’। मुझे नहीं लगता कि केवल यह ऐलान करना कि वह एक यात्रा के लिए आ रहा है, यह किसी भी तरह से हेट स्पीच के अंतर्गत आता है।”
वहीं बिट्टू बजरंगी को लेकर ADGP लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि “जो लोग यह कह रहे है कि बिट्टू बजरंगी को हिंसा के लिए गिरफ्तार किया गया है। वह गलत बोल रहे है। बिट्टू बजरंगी को दो अलग-अलग मामलों के तहत गिरफ्तार किया गया है। पहले तो फरीदाबाद पुलिस ने उसे भड़काऊ पोस्ट के मामले में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। जिसके बाद नूहं पुलिस ने उसे इसलिए गिरफ्तार किया कि यात्रा के दिन बिटटू बजरंगी ने एडिशनल एसपी से झगड़ा किया था। इसलिए पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है।”
अब बता दें कि इससे पहले मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी पर एक खेमे द्वारा हिंसा को भड़काने और लोगों को उकसाने के आरोप लगातार लगाए जा रहे थे।
अपने ऊपर लगातार लग रहे आरोपों पर मोनू मानेसर ने कहा था कि “न तो मैं मेवात गया, न भड़काऊ बयान दिया। जो भी गोतस्कर हैं जो वहां क्राइम करते हैं, ये उनका काम है। यहां एक चूहा भी मरता है तो उसमें भी मेरा नाम आ जाता है। मैंने पहले भी बताया है कि उस मामले में मेरा कोई हाथ नहीं है। सारे आरोप गलत हैं। मैं अपनी बेगुनाही का सबूत दे चुका हूं”।
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