देहरादून: भारी बारिश की वजह से देहरादून जॉली ग्रांट एयरपोर्ट का रनवे दिखाई नहीं दिया और यहां उतरने वाली शाम की हैदराबाद, जयपुर और दिल्ली की फ्लाइट को दिल्ली एयरपोर्ट के लिए डायवर्ट करना पड़ा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि बारिश की वजह से रनवे में लैंडिंग के प्रयास विफल रहे हो, दो दिन पहले भी ऐसे हालत बने थे किंतु आधे घंटे हवा में रहने के बाद फ्लाइट उतर गई थी।
देहरादून सहित सात जिलों में भारी बारीश हो रही है, सभी स्कूल बंद करे गए हैं, जनजीवन प्रभावित हैं। देवप्रयाग से ऋषिकेश के बीच सात स्थानों पर पहाड़ी मलबा गिरने से मार्ग बाधित है।
इस बार की मानसूनी बारिश ने अब तक करीब 150 लोगों की जान ले ली है। राज्य में आपदा की स्तिथि का आंकलन करने केंद्र से दल भी आया है। चमोली, रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं हैं।
कई मकानों ने दरार भी देखी गई है, एसडीआरएफ ने खतरे वाले मकानों के वाशिंदों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम पूरा कर लिया है। गंगा, यमुना, शारदा आदि नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं। इन नदियों में समाने वाली नदियां भी उफान पर बह रही हैं।
उत्तरकाशी में चोरगाड़ में जाड़ गंगा नदी पैदल पुल बह जाने से आईटीबीपी को सीमांत गश्त लगाने में परेशानी हो रही है। सेना इस पुल को दोबारा बनाने के लिए जुट गई है।
सिंचाई विभाग ने की समीक्षा
शासन के सिंचाई सचिव हरीश चंद्र सेमवाल ने बताया कि सभी नदियों के भीतर जमा सिल्ट के बारे में आंकलन किया जा रहा है कि नदी की गहराई कितनी जरूरी है इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जा रही है।सेमवाल ने बताया कि हरिद्वार में 398 गांव और 48 नगरी क्षेत्र चिन्हित हुए हैं। जहां बाढ़ के पानी ने नुकसान पहुंचाया है। हमने गंगा, जमुना, शारदा और उसकी सहायक नदियों में पानी के साथ आए मलबे से हो रहे नुकसान का जायजा लिया है। इस बारे में नैनीताल हाई कोर्ट में भी रिपोर्ट दी जाएगी।
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