नई दिल्ली। लाल किले की प्राचीर से इस साल पहली बार स्वतंत्रता दिवस के दौरान 105 मिमी भारतीय फील्ड गन (आईएफजी) से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इस तरह की सात बंदूकें 52 सेकंड में 21 फायर करके सलामी देंगी, यानी राष्ट्रगान के साथ प्रति राउंड 2.4 सेकंड फायर होंगे। औपचारिक 21 तोपों की सलामी की अवधि राष्ट्रगान की लंबाई के साथ मेल खाती है। पिछले साल सलामी देने के लिए स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) फायर करके सलामी दी गई थी।
स्वदेश निर्मित 105 मिमी. भारतीय फील्ड गन्स से पहली बार 8711 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के गनर्स ने इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर पारंपरिक 21 तोपों की सलामी दी थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आईएफजी पुरानी 25-पाउंडर्स तोपों की जगह लेंगी, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को दर्शाती हैं। इंडियन फील्ड गन (आईएफजी) 105 को 1972 में डिजाइन किया गया था। गन कैरिज फैक्ट्री, जबलपुर और फील्ड गन फैक्ट्री, कानपुर इसका निर्माण करती हैं। ये फील्ड गन कॉम्पैक्ट लाइट हैं और इन्हें हवा से भी गिराया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को ऐतिहासिक लाल किले से 77वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने में देश का नेतृत्व करेंगे। वह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को पारंपरिक संबोधन देंगे। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, इंडिया गेट, विजय चौक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, प्रगति मैदान, राजघाट, जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन, आईटीओ मेट्रो गेट, नौबत खाना और शीश गंज गुरुद्वारा सहित 12 स्थानों पर सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों को समर्पित सेल्फी प्वाइंट स्थापित किए गए हैं।
लाल किला पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और रक्षा सचिव गिरिधर अरमने करेंगे। रक्षा सचिव अरामने दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ का परिचय प्रधानमंत्री से कराएंगे। इसके बाद जीओसी नरेन्द्र मोदी को सलामी स्थल तक ले जायेंगे, जहां एक संयुक्त इंटर-सर्विसेज और दिल्ली पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सलामी देंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री के गार्ड ऑफ ऑनर दल में सेना, वायु सेना और दिल्ली पुलिस के एक-एक अधिकारी और 25 कर्मी तथा नौसेना के एक अधिकारी और 24 कर्मी शामिल होंगे।
भारतीय सेना इस वर्ष के लिए समन्वय सेवा की भूमिका में है। गार्ड ऑफ ऑनर की कमान मेजर विकास सांगवान के हाथों में होगी। प्रधानमंत्री के गार्ड की कमान मेजर इंद्रजीत सचिन, नौसेना के सैन्यदल की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर एमवी राहुल रमन और वायु सेना के सैन्यदल की कमान स्क्वाड्रन लीडर आकाश गांघस के हाथों में होगी। दिल्ली पुलिस के दल की कमान एडिशनल डीसीपी संध्या स्वामी संभालेंगी। गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़ेंगे, जहां उनका स्वागत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख करेंगे।
दिल्ली क्षेत्र के जीओसी प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्राचीर पर बने मंच तक ले जाएंगे। मेजर निकिता नायर और मेजर जास्मीन कौर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता करेंगी। झंडा फहराए जाने के बाद तिरंगे को ‘राष्ट्रीय सलामी’ दी जाएगी। सेना का बैंड राष्ट्रीय ध्वज फहराने और ‘राष्ट्रीय सलामी’ प्रस्तुत करने के दौरान राष्ट्रगान बजाएगा। बैंड का संचालन नायब सूबेदार जतिंदर सिंह करेंगे। इसके बाद स्वदेश निर्मित 105 मिमी. भारतीय फील्ड गन्स से पहली बार 8711 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) के गनर्स पारंपरिक 21 तोपों की सलामी देंगे। लेफ्टिनेंट कर्नल विकास कुमार सेरेमोनियल बैटरी की कमान संभालेंगे और नायब सूबेदार (एआईजी) अनूप सिंह गन पोजिशन ऑफिसर होंगे।
राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के दौरान वायु सेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव कार्यक्रम स्थल पर फूलों की बारिश करेंगे। हेलीकॉप्टर के कैप्टन विंग कमांडर अंबर अग्रवाल और स्क्वाड्रन लीडर हिमांशु शर्मा होंगे। पुष्प वर्षा के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के समापन पर राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट राष्ट्रगान गाएंगे। एनसीसी कैडेटों को वर्दी में ज्ञान पथ पर बैठाया जाएगा। लाल किले पर कार्यक्रम का फूलों से सजा एक अन्य आकर्षण जी-20 प्रतीक चिन्ह होगा।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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