1954 : वक्फ बोर्ड : जिहाद की कानूनी जमीन
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

1954 : वक्फ बोर्ड : जिहाद की कानूनी जमीन

जहां वक्फ की नजर पड़े, वह जमीन वक्फ की!

by हरिशंकर जैन
Aug 13, 2023, 11:44 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

एक चलन था- साम्प्रदायिक हिंसा विधेयक, माने हिन्दू विरोधी सारी हिंसा माफ और हिन्दू की आक्रांता, इसी तरह है वक्फ कानून, जिसमें बार-बार मुसलमानों को निर्बाध कब्जे का अधिकारी बनाया गया। वहीं तीसरा पक्ष है- पूजा स्थल विधेयक, जो हिन्दुओं को अपने छीने गए पूजास्थलों को भूल जाने के लिए बाध्य करता है- क्या है यह चलन!

आज भारत मेें रेलवे और सेना के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक जमीन है। दुर्भाग्य से वक्फ बोर्ड की संपत्ति बढ़ती जा रही है। अंग्रेजों ने मुसलमानों की मजहबी संपत्ति (मस्जिद, मजार, कब्रिस्तान आदि) की देखरेख के लिए 7 मार्च, 1913 को एक कानून बनाया। इसके बाद 5 अगस्त, 1923, 25 जुलाई, 1930 और 7 अक्तूबर, 1937 को इस कानून में कुछ और प्रावधान जोड़े गए।

हरिशंकर जैन
वरिष्ठ अधिवक्ता
सर्वोच्च न्यायालय

स्वतंत्र भारत में पहला वक्फ कानून 1954 में बना, जिसमें वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दिए गए। इसके बाद 1984 और 1995 में भी इस बोर्ड को शक्तिशाली बनाया गया। इस कानून के अनुसार यदि किसी गैर-मुस्लिम की संपत्ति वक्फ बोर्ड में दर्ज हो गई तो आदेश की तारीख से एक साल के अंदर वक्फ बोर्ड में मुकदमा करिए और यदि आपको आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो आपकी संपत्ति हमेशा के लिए गई।

इसके बाद 20 सितंबर, 2013 को वक्फ कानून में कुछ संशोधन कर वक्फ बोर्ड को अपार शक्तियां दे दी गई। इन शक्तियों का इस्तेमाल जमीन कब्जाने के लिए किया जाने लगा है। इसे समझने के लिए वक्फ कानून की कुछ धाराओं को देख सकते हैं। वक्फ कानून-1995 की धारा 40 के अनुसार कोई भी व्यक्ति वक्फ बोर्ड में एक अर्जी लगाकर अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को दे सकता है। यदि किसी कारण से वह संपत्ति बोर्ड में पंजीकृत नहीं होती है तो भी 50 साल बाद वह संपत्ति वक्फ संपत्ति हो जाती है।

इस कारण सैकड़ों अवैध मजारें और मस्जिदें वक्फ संपत्ति हो चुकी हैं। धारा 40 में यह भी प्रावधान है कि किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसके मालिक को सूचित करना जरूरी नहीं है। धारा 52 कहती है कि यदि किसी की जमीन, जो वक्फ में पंजीकृत है, उस पर किसी ने कब्जा कर लिया है तो वक्फ बोर्ड जिला दंडाधिकारी से जमीन का कब्जा वापस दिलाने के लिए कहेगा। नियमत: जिला दंडाधिकरी 30 दिन के अंदर जमीन वापस दिलवाएगा।

धारा 107 के अनुसार वक्फ संपत्ति वापस लेने के लिए कोई तय समय-सीमा नहीं है, जबकि हिंदू धार्मिक संपत्तियों को ऐसी छूट नहीं है। ऊपर से 1991 में पूजा स्थल विधेयक कानून पारित कर हिंदुओं से यह अधिकार ले लिया गया है कि 15 अगस्त, 1947 से पहले टूटे मंदिरों को वापस नहीं ले सकते हैं। 

धारा 89 में व्यवस्था है कि वक्फ बोर्ड के विरुद्ध कोई भी दावा करने से पहले 60 दिन पूर्व नोटिस देना आवश्यक है। ऐसा कोई प्रावधान किसी हिंदू ट्रस्ट/मठ की संपत्ति के बारे में नहीं है। धारा 90 के अनुसार वक्फ प्राधिकरण के समक्ष दाखिल संपत्ति पर कब्जा या मुतवल्ली (केयरटेकर) के अधिकार से संबंधित कोई वाद लाया जाता है तो प्राधिकरण उसी व्यक्ति के खर्चे पर बोर्ड को नोटिस जारी करेगा, जिसने वाद दायर किया है।

धारा 91 में यह व्यवस्था है कि यदि वक्फ बोर्ड की कोई जमीन सरकार द्वारा अधिगृहित की जानी है तो पहले वक्फ बोर्ड को बताया जाएगा। धारा 104 (बी.), जो कि 2013 में जोड़ी गई है, इसमें व्यवस्था है कि यदि किसी सरकारी एजेंसी ने वक्फ संपत्ति पर कब्जा कर लिया है तो उसे बोर्ड या दावेदार को प्राधिकरण के आदेश पर छह महीने के अंदर वापस करना होगा।

धारा 107 के अनुसार वक्फ संपत्ति वापस लेने के लिए कोई तय समय-सीमा नहीं है, जबकि हिंदू धार्मिक संपत्तियों को ऐसी छूट नहीं है। ऊपर से 1991 में पूजा स्थल विधेयक कानून पारित कर हिंदुओं से यह अधिकार ले लिया गया है कि 15 अगस्त, 1947 से पहले टूटे मंदिरों को वापस नहीं ले सकते हैं।

Topics: Hindu ReligiousgraveyardReligious Property MasjidमजारLegal Land of JihadMazarवक्फ कानूनकब्रिस्तानहिंदू ट्रस्ट/मठहिंदू धार्मिकमजहबी संपत्ति मस्जिदWaqf LawHindu Trust/Monastery
Share13TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

5 Illegal tomb budozed in kashipur

उत्तराखंड में अब तक 537 अवैध मजारों पर चला धामी सरकार का बुल्डोजर

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ संशोधन अधिनियम-2025: सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल के तर्क, वक्फ को बताया अल्लाह का दान

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर जस्टिस गवई की बेंच करेगी सुनवाई, चीफ जस्टिस खन्ना 13 मई को हो रहे सेवानिवृत 

मेरठ : वक्फ कानून के विरोध में 30 कॉलोनियों की बिजली काटी, लाइनमैन रियाजुद्दीन बर्खास्त

Sahil Khan Pahalgam terror attack

उत्तराखंड: पहलगाम आतंकी हमले और मजार ध्वस्तीकरण पर किया आपत्तिजनक पोस्ट, साहिल गिरफ्तार

Nainital High court

उत्तराखंड:  हाई कोर्ट का देवभूमि में मजारों का सर्वे करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies