हरियाणा के नूंह में कट्टरपंथियों की कायराना हरकत की वजह से कई परिवारों को जिंदगीभर का गम मिला है। कई परिवार बेसहारा हो गए। बच्चे अनाथ हो गए। अपनों को खोकर रोते-बिलखते परिवार अब सिर्फ न्याय का इंतजार कर रहे हैं। हिंसा में जिन 6 लोगों की जान गई है। उनमें से एक भादस गांव के शक्ति सिंह भी थे, जो हर रोज की तरह नगीना में हलवाई की दुकान पर काम करके अपने घर जाने के लिए शाम को निकले तो उन्होंने उम्मीद भी नहीं की होगी कि वह अपने घर सुरक्षित नहीं पहुंच पाएंगे।
शक्ति सिंह ने ना तो किसी धार्मिक शोभायात्रा में हिस्सा लिया था, ना ही किसी संगठन से जुड़े थे। वह सिर्फ एक आम आदमी की तरह हलवाई की दुकान पर काम करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। लेकिन मुसलमानों ने उसे घर वापस जाने से पहले ही रास्ते में दबोच लिया और पीट-पीटकर जान से मार डाला। उसके बाद शव को सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक दिया। जहां से पुलिस को देर रात उसका शव प्राप्त हुआ और पुलिस उसे लेकर मांडीखेड़ा सिविल अस्पताल लेकर पहुंची। जिसका मंगलवार को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया।
परिजनों ने बताया कि शक्ति सिंह घर में कमाने वाले अकेले थे। उसके 4 बच्चे हैं और नगीना में एक हलवाई की दुकान पर वह काम करते थे। रात को जब वह दुकान से वापस आ रहे थे तो गांव भादस के पास ही मुस्लिम समुदाय के दंगाइयों ने घेर लिया और उन्हें जान से मार दिया। जैसे ही शक्ति सिंह का शव गांव भादस में उसके घर पहुंचा तो परिजन रो-रोकर एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर उनका क्या दोष था।
ये भी पढ़ें- नूंह हिंसा : दंगाइयों से ही की जाएगी नुकसान की भरपाई, मुख्यमंत्री ने कहा- साजिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
टिप्पणियाँ