सभी आतंकी संगठनों को साथ लाने की साजिश, अलकायदा में मिलना चाह रहा टीटीपी, यूएन की रिपोर्ट में कई खुलासे

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान बड़े प्रभाव के लिए अल कायदा के साथ विलय करना चाहता है, तालिबान ने रिपोर्ट को किया खारिज

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WEB DESK

इस्लामाबाद। आतंकी संगठन दुनिया भर में व्यापक प्रभाव बनाने के लिए संगठित होना चाह रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को सौंपी गई एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) एक छत्र संगठन बनाने के लिए अल कायदा के साथ विलय कर सकता है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें दक्षिण एशिया में सक्रिय सभी आतंकी संगठन शामिल हैं।

दुनिया भर में आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र समिति की रिपोर्ट में पाकिस्तान की शिकायत का समर्थन किया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से टीटीपी ने अफगानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ा दिया है। हालांकि, काबुल ने अफगानिस्तान में अल कायदा की मौजूदगी का दावा करने वाली यूएनएससी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में आतंकी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे कैंप का उपयोग टीटीपी के आतंकी भी कर रहे हैं। टीटीपी पाकिस्तान के कुछ हिस्सों पर फिर से कब्जा करना चाहता है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र समिति ने बताया कि जून में टीटीपी के कुछ आतंकियों को पाकिस्तान सरकार के दबाव के चलते दूर भेज दिया गया था। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र समिति ने 25 जुलाई को सुरक्षा परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि अगस्त 2021 में अफगान तालिबान के नियंत्रण के बाद से टीटीपी अफगानिस्तान में कैसे गति पकड़ रहा है। कई आतंकी संगठन टीटीपी का समर्थन कर रहे हैं।

डॉन के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र समिति ने कहा कि तालिबान और अल कायदा के बीच संबंध घनिष्ठ हैं। अल कायदा “अफगानिस्तान में गुप्त रूप से काम कर रहा है। जिससे कि तालिबान पर अंगुली न उठे कि वह आतंकियों को प्रश्रय दे रहा है या उसके यहां से आतंकी गतिविधिया चल रही हैं। अल कायदा के सदस्य कानून और प्रवर्तन एजेंसियों एवं सार्वजनिक निकायों में घुसपैठ करते हैं। अफगानिस्तान में 20 से ज्यादा आतंकी संगठन हैं। वहीं, तालिबान ने इस रिपोर्ट को गलत बताया है।

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