NDA Meeting: ‘न्यू इंडिया, डेवलपमेंट और एस्पिरेशन’ प्रधानमंत्री ने बताया NDA का नया मतलब

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए घटक दलों की बैठक में कहा कि एनडीए का मतलब न्यू इंडिया, डेवलपमेंट और एस्पिरेशन है। उन्होंने कहा कि आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचित एनडीए पर विश्वास करते हैं।

विपक्षी एकता पर प्रधानमंत्री ने कहा कि नकारात्मकता के साथ बने गठबंधन कभी सफल नहीं हो पाए। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 90 के दशक में देश में अस्थिरता लाने के लिए गठबंधन का इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने सरकारें बनाई और सरकारें बिगाड़ी।

उन्होंने कहा कि एनडीए का गठन देश में स्थिरता लाने के लिए किया गया था। जब देश में एक स्थिर सरकार होती है। तब देश निर्णायक निर्णय लेता है, और उससे देश को प्रगति की दिशा मिलती है।

एनडीए के गठन के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था। उन्होंने कहा कि 1988 में एनडीए का गठन हुआ था। इसका लक्ष्य केवल सरकार बनाना है, सत्ता हासिल करना नहीं था। यह किसी के विरोध में या किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना था। एनडीए जब विपक्ष में रहा है तब भी उसने सकारात्मक राजनीति की है और कभी नकारात्मक राजनीति नहीं की। हमेशा लोकतंत्र को मजबूत कर अपने कर्तव्यों का पालन किया है।

वहीं विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी का हो, जब गठबंधन भ्रष्टाचार की नीयत से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया गया हो तो वो गठबंधन देश का बहुत नुकसान करता है।

उन्होंने आगे कहा कि हमने कभी जनादेश का अपमान नहीं किया। हमने सरकारों का विरोध नहीं किया और कभी भी विदेशों से मदद नहीं मांगी। हम विपक्ष में रहे लेकिन देश के विकास में रोड़े नहीं अटकाए और ना ही रुकावट बने।

विपक्ष के अंदर विरोधाभास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विपक्षी पार्टियां अपने कार्यकर्ताओं से कह रही हैं कि जिनका वे विरोध करते आए हैं अब उनका स्वागत सत्कार करें। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि केरल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट आमने-सामने हैं। जबकि बेंगलुरु में यह साथ बैठक कर रहे हैं। बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी कार्यकर्ताओं को मारा जा रहा है। लेकिन ये पार्टियां चुप बैठी हैं।

एनडीए की बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि एनडीए ने अपने 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इन 25 वर्षों के दौरान विकास और क्षेत्रीय आकांक्षाएं पूरी करने का प्रयास किया गया है। इसका अर्थ है कि राज्यों का विकास कर देश का विकास करना।

पिछली गठबंधन सरकारों से तुलना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उस समय प्रधानमंत्री के ऊपर भी एक आला कमान होता था। पॉलिसी पैरालाइसिस, निर्णय लेने में अक्षमता, अव्यवस्था और अविश्वास, खींचतान और भ्रष्टाचार, लाखों करोड़ों के घोटाले थे। वर्तमान में लोगों को सशक्त बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही। इसी के चलते 2015-16 में नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से ऊपर उठाया गया।

एनडीए गठबंधन के गुणों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह दवाब नहीं बल्कि सहयोग पर केंद्रित है। इसमें कोई बड़ा या छोटा सहयोगी नहीं है। एनडीए सामाजिक न्याय के मार्ग पर चलती हुए महात्मा गांधी, बाबा साहब अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया के दिखाए मार्ग पर चल रहा है।

उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रतिस्पर्धा हो सकती है लेकिन शत्रुता नहीं। दुर्भाग्य से आज विपक्ष ने हमें गाली देना ही अपनी पहचान बना ली है। हमने हमेशा भारत को सभी राजनीतिक हितों से ऊपर रखा। यह एनडीए सरकार ही है जिसने प्रणब दा को भारत रत्न से सम्मानित किया। एनडीए ने शरद पवार, मुलायम सिंह यादव, गुलाम नबी आजाद, मुजफ्फर बेग और कई अन्य नेताओं को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जो भाजपा-एनडीए के साथ नहीं थे। हमने हमेशा भारत को सभी राजनीतिक हितों से ऊपर रखा।

 

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