नई दिल्ली : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहारा की चार सहकारी समितियों में जिन लोगों ने पैसा जमा किया है, सरकार उसे वापस करवा रही है। इस कदम से लोगों के मन में सहकारिता के प्रति भरोसा और अधिक बढ़ेगा।
अमित शाह ने मंगलवार को नई दिल्ली में “केन्द्रीय पंजीयक- सहारा रिफण्ड पोर्टल” का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस पोर्टल से सहारा की चार सहकारी समितियों (सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड) के निवेशकों का पैसा वापस किया जाएगा। पोर्टल पर आवेदन करने के 45 दिनों में पैसा वापस करने की व्यवस्था की गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब पांच हजार करोड़ रुपये हम वापस करा देंगे तो पुन: कोर्ट जाएंगे और जिन निवेशकों के पैसे बाकी होंगे, उनके पैसे वापसी के लिए भी अनुरोध करेंगे।
उल्लेखनीय है कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं की वैध जमा धनराशि के भुगतान संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए सहकारिता मंत्रालय के आवेदन पर सर्वोच्च न्यायालय ने 29 मार्च, 2023 को एक आदेश दिया था। इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के वैध देयों के भुगतान के लिए “सहारा-सेबी रिफंड खाते” से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाने का आदेश दिया था।
ऐसी होगी संवितरण की प्रक्रिया
संपूर्ण प्रक्रिया डिजिटल, उपयोगकर्ता अनुकूल, प्रभावशाली और पारदर्शी होगी, जिसमें आवश्यक जांच एवं नियंत्रण समाविष्ट किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि केवल प्रामाणिक जमाकर्ताओं के वैध जमाराशियों का ही रिफंड हो सके। इन समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ता सहकारिता मंत्रालय की वेबसाइट https://cooperation.gov.in के माध्यम से इस पोर्टल पर लॉगइन करके अपने दावों को ऑनलाइन प्रस्तुत करें और अपने दावे एवं जमा के साक्ष्य के रूप में आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। वे यह सुनिश्चित करें कि उनके पास आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ा बैंक खाता है ।
ऑनलाइन प्रस्तुत आवेदन का सत्यापन सहारा समूह की समितियों द्वारा 30 दिनों के भीतर किया जाएगा और अगले 15 दिनों के अंदर, ऑनलाइन दावा दाखिल करने के 45 दिनों के भीतर, एसएमएस/पोर्टल के माध्यम से लिए गए निर्णय की सूचना संसूचित कर दी जाएगी। सफल दावे की दशा में, धन की उपलब्धता के अध्यधीन, भुगतान को संबंधित बैंक खाते में भेज दिया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज किए गए दावों पर ही विचार किया जाएगा।
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