अमेरिका ने मार गिराया उसामा, ड्रोन से किया ढेर

पूर्वी सीरिया में आईएस की हरकतों पर अमेरिका बहुत समय से नजर रख रहा है। वहां अत्याधुनिक हथियारों से लैस अमेरिकी ड्रोन नजर बनाए रखते हैं। दो दिन पूर्व विशेष ड्रोन अभियान चलाकर आईएस सरगना को निशाना बनाया गया

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WEB DESK

अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट के जिहादी सरगना उसामा अज—मुहाजिर को ढेर कर दिया है। इस बात की घोषणा यूएस सेंट्रल कमांड ने खुद की है। उसने यह हमला पूर्वी सीरिया में उसामा के ठिकाने पर ड्रोन से किया था। प्रेस को इसकी जानकारी देते हुए, अमेरिकी सेना ने बताया है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) का सरगना उसामा अल-मुहाजिर को सात जुलाई को ढेर कर दिया गया है। अमेरिकी कमांडर के अनुसार, वह हमला एमक्यू-9 रीपर ड्रोन की मदद से किया गया था। बताया गया है कि इस्लामिक स्टेट का खतरा सिर्फ सीरिया में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में फैलता जा रहा है। इसलिए अमेरिका की सेना इस गुट को बहुत गंभीरता से ले रही है।

वाशिंगटन में यूएस सेंट्रल कमांड की कल हुई यह प्रेस वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पूर्वी सीरिया में आईएस की हरकतों पर अमेरिका बहुत समय से नजर रख रहा है। वहां अत्याधुनिक हथियारों से लैस अमेरिकी ड्रोन नजर बनाए रखते हैं। कल इस प्रेस वार्ता में यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने बताया कि 7 जुलाई को विशेष ड्रोन अभियान चलाकर आईएस सरगना उसामा को निशाना बनाया गया था और उसमें सफलता हाथ आई है।

सीरिया में आईएस

जनरल माइकल ने कहा, “हमने यह साफ कर दिया है कि हम आईएस को पूरे इलाके में घुटनों पर लाने की कसम खाए हुई हैं।” इसमें संदेह नहीं है कि आईएस सिर्फ उसी इलाके में तबाही नहीं मचा रहा है बल्कि यह कहीं बड़े खतरे के तौर पर सामने आया है।

जनरल माइकल ने ही बताया कि जिस ड्रोन से वह हमला बोला गया था वह एमक्यू-9 रीपर ड्रोन है। उन्होंने कहा, “हमने यह साफ कर दिया है कि हम आईएस को पूरे इलाके में घुटनों पर लाने की कसम खाए हुई हैं।” इसमें संदेह नहीं है कि आईएस सिर्फ उसी इलाके में तबाही नहीं मचा रहा है बल्कि यह कहीं बड़े खतरे के तौर पर सामने आया है।

अमेरिकी कमांडर ने यह भी बताया कि पूर्वी सीरिया में किए गए उस हमले में किसी नागरिक की जान नहीं गई है। बताया गया है कि सीरिया में अमेरिका के आईएस के विरुद्ध जो अभियान चल रहे हैं, उनमें गत सप्ताह रूस के विमानों की वजह से रुकावटें पेश आई थीं।

यूएस वायुसेना द्वारा जारी एक बयान का विदेशी मीडिया में उल्लेख मिलता है। इस बयान में बताया गया है कि रूस के लड़ाकू विमानों के खतरे के बावजूद अमेरिकी ड्रोन की 7 जुलाई की कार्रवाई करीब दो घंटे तक चली। अमेरिकी वायुसेना का कहना है कि रूसी विमानों ने 18 बार बेहद नजदीक से उड़ानें भरीं, जिससे एमक्यू-9 ड्रोन को खतरा हो गया था, लेकिन उसे किसी तरह अभियान में लगाए रखा गया था।

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