वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस ने कल लोगों के सामने 21 नए कार्डिनलों के नाम घोषित करके उन कयासों पर विराम लगा दिया जो इसमें हो रही देरी को लेकर लगाए जा रहे थे। कैथोलिक चर्च के ये वरिष्ठ पंथाधिकारी वेटिकन में चर्च प्रशासन संभालने के अलावा पोप के सलाहकार का काम भी करते हैं। ये ही कार्डिनल हैं जो अगला पोप चुनते हैं। वर्तमान पोप फ्रांसिस ने अभी तक के अपने दस साल के कार्यकाल में नए कार्डिनलों की नियुक्ति एक साथ नहीं बल्कि टोलियों में की है।
कल वेटिकन में अपने निवास की खिड़की से पोप फ्रांसिस ने लोगों के सामने 21 नए कार्डिनलों के नामों की घोषणा करते हुए बताया कि 30 सितंबर को एक समारोह में ये कार्डिनल बाकायदा अपना पद ग्रहण करने वाले हैं। नए बनाए गए इन कार्डिनलों में हांगकांग तथा यरुशलम के पंथाधिकारियों के नाम भी हैं, जबकि इन दोनों ही देशों में कैथोलिक चर्च के अनुयायी बहुत कम हैं।
अपने इस साप्ताहिक संबोधन के मौके पर, पोप फ्रांसिस इस्राइल और फिलीस्तीन के संदर्भ में भी बोले। उन्होंने यहां तक कहा कि वे खुद दोनों के बीच जारी हिंसा की समाप्ति के संबंध में सीधे बात करने वाले हैं। उनकी इस बात को फिलिस्तीन और इस्राएल कितना वजन देंगे, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल इस्राएल आतताई फिलिस्तीनी उग्रपंथियों के प्रति ढिलाई बरतने के मूड में नहीं दिख रहा है।
सेंट पीटर चौक पर हर सप्ताह आने वाले पोप ने कल अपने संबोधन में जिन 21 कार्डिनलों के नाम घोषित किए हैं उनमें प्रमुख हैं, अर्जेंटीना के ला प्लाटा के आर्चबिशप विक्टर मैनुअल फर्नांडीज, हांगकांग के बिशप स्टीफन सॉ-यान चाउ तथा मध्य पूर्व में वेटिकन के चोटी के अधिकारी, यरुशलम के लैटिन पैट्रिआर्क मोनसिग्नोर पियरबेटिस्टा पिज्जाबल्ला। इन कार्डिनलों में केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका तथा पेनांग, मलेशिया, पोलैंड, जुबा, दक्षिण सूडान के बिशप भी हैं। इसमें एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इन 21 नए कार्डिनलों में 18 से लेकर 80 साल तक के लोग हैं, जो पोप के चुनाव पर होने वाले कॉन्क्लेव में वोट डाल सकते हैं।
अपने इस साप्ताहिक संबोधन के मौके पर, पोप फ्रांसिस इस्राइल और फिलीस्तीन के संदर्भ में भी बोले। उन्होंने यहां तक कहा कि वे खुद दोनों के बीच जारी हिंसा की समाप्ति के संबंध में सीधे बात करने वाले हैं। उनकी इस बात को फिलिस्तीन और इस्राएल कितना वजन देंगे, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल इस्राएल आतताई फिलिस्तीनी उग्रपंथियों के प्रति ढिलाई बरतने के मूड में नहीं दिख रहा है। पिछले दिनों फिलिस्तीन में फिलिस्तीनी उग्रपंथी गुट पर उसने जबरदस्त गोले बरसा कर कई मजहबी उन्मादियों को ठिकाने लगाया है।
कैथोलिक चर्च के आर्चबिशपों, बिशनों और पादरियों पर एक लंबे समय से यौनाचार, विशेषकर बच्चों के यौन उत्पीड़न के सैकड़ों तथ्याधारित मामले सामने आ चुके हैं। इनको लेकर पोप कई बार अफसोस जता चुके हैं। साथ ही चर्च में वित्तीय व अन्य प्रकार की अनियमितताओं के आरोप भी समय समय पर उछलते रहे हैं। नए कार्डिनलों के नामों की घोषणा के बाद अनेक चर्च अनुयायियों की जुबान पर यह सवाल भी है कि चर्च में आईं व्याधियों को दूर करने की दिशा में क्या ये कार्डिनल कोई सकारात्मक भूमिका निभाएंगे या सिर्फ रस्मी कामकाज ही करते रहेंगे?
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