हरिद्वार। कांवड़ यात्रा शुरू होते ही इसके विविध सांस्कृतिक रंग दिखने शुरू हो गए हैं। गंगा और शिव के प्रति आस्था रखने वाले नोएडा के कांवड़िए अजय ने अपनी मां को एक तरफ कांवड़ में बैठाकर दूसरी तरफ गंगा जल कलश लेकर अपनी यात्रा शुरू की है।
कांवड़ और अपनी मां को ले जा रहे अजय ने पहले अपनी माता बाला देवी को उनकी इच्छा के अनुसार गंगा स्नान करवाया। फिर उन्हें कांवड़ में बैठाकर अपनी पैदल यात्रा शुरू की। मां के दूसरी तरफ 51 किलो वजन के गंगा कलश लिए अजय को करीब सौ किमी की पैदल यात्रा करनी है।
दूसरी ओर बुलंदशहर दमऊं के देव ने अपनी मां सरस्वती देवी को कांवड़ में बैठाकर अपने कंधों पर बुलंदशहर से हरिद्वार की पैदल यात्रा शुरू कर दी है। सरस्वती देवी की उम्र करीब सौ साल की बताई जा रही है। कलयुग के ये दोनों श्रवन कुमार अपने माता के प्रति आदर के साथ-साथ गंगा और आराध्य शिव के प्रति भी आस्था प्रकट कर रहे हैं।
शिव भक्तों से भरी गंगा नगरी
कांवड़ मेला आज से हरिद्वार में शुरू हो गया है और गंगा नगरी भगवाधारी शिव भक्तों से भर चुकी है। आज से पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख मार्गो पर भारी वाहनों के लिए यातायात डायवर्ट कर दिया गया है। केवल हल्के वाहन ही एक तरफ से चलने की अनुमति दी गई है।
चार करोड़ कांवड़िओं के पहुंचने का अनुमान
उत्तराखंड में पुलिस के नाकों पर टेंट लगाकर कांवड़ियों को आराम करने और पीने के पानी आदि की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजीपी अशोक कुमार ने आने वाले शिव भक्त कांवड़ियों को आदर भाव से स्वागत करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस साल चार करोड़ कांवड़िओं के हरिद्वार पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। सभी कांवड़िए अपने-अपने पहचान पत्र लेकर चले हैं और हरिद्वार सीमा पर उनका पंजीकरण भी कराया जा रहा है।
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