भाजपा विरोध या हिन्दू विरोध!
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम सम्पादकीय

भाजपा विरोध या हिन्दू विरोध!

‘‘भारत में सेकुलर होने का अर्थ है कि अगर मुसलमान अपने मजहब पर 200% कायम रहते हैं, तो वे सेकुलर हैं और अगर हिंदू अपने धर्म को शत प्रतिशत नकार देते हैं, तो वह सेकुलर हैं।’’

by हितेश शंकर
Jul 3, 2023, 04:02 pm IST
in सम्पादकीय
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश के विरोध में सारे दलों की सहमति की शर्त रखी। तुरंत उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया कि जब अनुच्छेद-370 हटाने की बात थी, तब यही दल शांत थे। उमर अब्दुल्ला की आधी-अधूरी बात को असदुद्दीन ओवैसी ने यह कह कर साफ कर दिया कि जो दल अनुच्छेद-370 हटाने पर चुप रहे, वे सेकुलर कैसे हो सकते हैं?

भारत की राजनीति में भाजपा विरोध को मुद्दा बनाया जाना कोई नई बात नहीं है। अनेक राजनीतिक प्रयोग भाजपा विरोध के नाम पर होते रहे हैं, जिसे सुविधा के दृष्टिकोण से सेकुलर दलों की एकजुटता कहा जाता रहा है। ताजा प्रयोग में अभी भले ही ऐसा लगता हो कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच में कुछ तनातनी है, लेकिन बात इससे गहरी है।

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश के विरोध में सारे दलों की सहमति की शर्त रखी। तुरंत उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया कि जब अनुच्छेद-370 हटाने की बात थी, तब यही दल शांत थे। उमर अब्दुल्ला की आधी-अधूरी बात को असदुद्दीन ओवैसी ने यह कह कर साफ कर दिया कि जो दल अनुच्छेद-370 हटाने पर चुप रहे, वे सेकुलर कैसे हो सकते हैं? इसका अर्थ हुआ अनुच्छेद-370 की पक्षधरता सेकुलर होने की कसौटी है।

यह वह असदुद्दीन ओवैसी मानते हैं, जो स्वयं मुस्लिम लीग की एक शाखा हैं। और यह वह मुस्लिम लीग है, जिसे हाल ही में कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने सेकुलर होने का प्रमाण-पत्र दिया था। माने जो चीज राहुल गांधी की दृष्टि में सेकुलर है, खुद उसकी दृष्टि में राहुल गांधी सेकुलर नहीं हैं। इस सेकुलरिज्म की बारीक मीमांसा जरूरी है।अनुच्छेद-370 का व्यावहारिक अर्थ ऐसे समझा जा सकता है कि अगर कश्मीर की कोई महिला किसी पाकिस्तानी से विवाह कर लेती, तो उसकी कश्मीर की नागरिकता बनी रहती, लेकिन अगर वह शेष भारत के किसी पुरुष से विवाह कर लेती, तो उसकी कश्मीर की नागरिकता समाप्त हो जाती। माने अनुच्छेद-370 पाकिस्तान के विचार का विस्तार करने वाली डोर थी।

इस राजनीति ने पाकिस्तान के विचार का विस्तार सेकुलरिज्म के नाते पूरे तंत्र तक करने का प्रयास किया है। और बारीकी से देखें तो सेकुलरिज्म से यही आशय सामने आता है कि हिंदू विरोध जहां तक हो सके, वहां तक किया जाए और इस्लाम का तुष्टिकरण जहां तक हो सके, वहां तक किया जाए।

किस इस्लाम का तुष्टिकरण? सिर्फ वोट बैंक का तुष्टिकरण नहीं, सिर्फ अपराधियों का तुष्टिकरण नहीं, सिर्फ पैन इस्लाम का तुष्टिकरण नहीं, सिर्फ आतंकवाद का तुष्टिकरण नहीं, बल्कि इस धारणा का तुष्टिकरण कि जिस व्यक्ति, स्थान, इमारत पर एक बार इस्लाम को मानने वालों का कब्जा हो जाए, सेकुलरिज्म के नाम पर उसे हमेशा के लिए इस्लामी बनाए रखा जाए।

देश की जनता को, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, इन प्रयासों से सावधान रहना बहुत आवश्यक है। अगर भविष्य में पता चलता है कि सारी कवायद किसी बाहरी ताकत के इशारे पर हो रही है, तो भी इसमें आश्चर्यजनक कुछ नहीं होगा। लेकिन तब शायद उसमें सुधार करने का अवसर जनता के हाथों से निकल चुका होगा, ठीक वैसे ही जैसे कर्नाटक में आम लोग आज ठगा गया महसूस कर रहे हैं।

इस्लाम के भारत में विस्तारवाद की यह धारणा सेकुलरिज्म की उसी परिभाषा की पुष्टि करती है, जो अरुण शौरी ने कभी दी थी कि भारत में सेकुलर होने का अर्थ है कि अगर मुसलमान अपने मजहब पर 200 प्रतिशत कायम रहते हैं, तो वह सेकुलर हैं और अगर हिंदू अपने धर्म को शत प्रतिशत नकार देते हैं, तो वह सेकुलर हैं।

इसकी प्रतिच्छाया कई ढंग से देखने को मिलती रही है। स्थिति यह है जब रा.स्व.संघ के सरसंघचालक कहते हैं कि भारत में रहने वाले चाहे हिंदू हों या मुसलमान सबका डीएनए एक है, तो तमाम सेकुलर तत्वों को यह भी बेहद आपत्तिजनक लगने लगता है। जैसे कि यह धारणा भी सेकुलरिज्म के लिए जरूरी हो कि भारत में रहने वाले मुसलमान तो दूसरे देशों से आए हैं और उनका बहुसंख्यक हिंदुओं के साथ किसी तरह का कोई तालमेल हो ही नहीं सकता।

कथित विपक्ष की कथित एकता भले ही फौरी तौर पर अपने-अपने स्थानीय व छुटभैये नेताओं का कद और महत्व बनाए रखने, उनके परिवारों के राजनीतिक-आर्थिक हितों की रक्षा करने, उनको भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही से बचाने जैसे तात्कालिक (और वास्तव में आपराधिक) मुद्दों तक सीमित हो। लेकिन इस बात को रेखांकित करना जरूरी है कि इस विपक्षी एकता का मूल उसी हिंदू विरोध में है, जिसे सेकुलरिज्म कहा जाता है।

जिसके नाम पर कर्नाटक में सरकार में आते ही कांग्रेस कन्वर्जन विरोधी अधिनियम समाप्त करने और गौ हत्या को मंजूरी देने की बात कहती है। इससे सेकुलरिज्म के मानदंड पर कांग्रेस का कद बढ़ जाता है। जाहिर तौर पर ऐसे में बड़ी लकीर खींचने के लिए बाकी दलों को कुछ करना पड़ेगा और फिर हिंदू विरोध की प्रतियोगिता शुरू हो जाएगी। यह बहुआयामी प्रतियोगिता किसी भी स्तर पर जा सकती है।

देश की जनता को, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान, इन प्रयासों से सावधान रहना बहुत आवश्यक है। अगर भविष्य में पता चलता है कि सारी कवायद किसी बाहरी ताकत के इशारे पर हो रही है, तो भी इसमें आश्चर्यजनक कुछ नहीं होगा। लेकिन तब शायद उसमें सुधार करने का अवसर जनता के हाथों से निकल चुका होगा, ठीक वैसे ही जैसे कर्नाटक में आम लोग आज ठगा गया महसूस कर रहे हैं।
@hiteshshankar

Topics: Asaduddin Owaisiउमर अब्दुल्लाइस्लाम का तुष्टिकरणCongressभाजपा विरोधहिन्दू विरोधOmar AbdullahAppeasement of Islamकांग्रेसAnti-BJPआम आदमी पार्टीAnti-HinduAam Aadmi Partyअसदुद्दीन ओवैसी
Share10TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कांग्रेस

भारतीय राजनीति में कांग्रेसी रीति-नीति की छाया और बदलाव की चुनौतियां

Bihar election-2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: लालू यादव का कांग्रेस से मोहभंग, AIMIM के साथ नया गठबंधन?

संविधान, संशोधन और सवाल

Bihar Muslim Vote

AIMIM और कथित धर्मनिरपेक्ष दलों की जंग: बिहार में मुस्लिम वोटों की सियासत

Emergency Indira Gandhi Democracy

आपातकाल: लोकतंत्र की हत्या और कांग्रेस की तानाशाही

Emergency Indira Gandhi Democracy

आपातकाल: लोकतन्त्र की हत्या का वीभत्स दौर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies