वाराणसी। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शालिनी पटेल ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। शालिनी के पिता पेशे से राजगीर (मिस्त्री) हैं। पिता कल्लू पटेल किसी तरह से परिवार को चलाते हैं। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शालिनी पटेल ने टॉप कर पिता के सपनों को पूरा कर दिया। कल्लू पटेल ने बताया कि मेरे घर का फर्श आज भी कच्चा ही है, लेकिन मेरे बेटी का हौसला चट्टानों से भी मजबूत है। तमाम कमियों के बीच बेटी ने हमारा नाम रोशन कर दिया।
शालिनी को 400 में से 370 अंक मिले हैं। उसका सपना आगे आईएएस बनने का है। गरीबी को बहुत नजदीक से देखा है। शालिनी ने जवाहर आदर्श इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से बीए व एमए प्रथम स्थान से पास किया। शालिनी ने बताया कि जीवन में असफलताओं का होना भी जरूरी है। इससे सीखने को मिलता है। असफलताओं से घबरा कर रास्ता नहीं बदलना चाहिए। जीवन में जितना संघर्ष होगा, निखार भी उतना ही आएगा। शिक्षा से अच्छा विकल्प दुनिया में कुछ और नहीं है।
शालिनी ने कहा कि मेरी मां हमेशा मेरी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी खुशियों में कटौती करती रही है। मां अनीता देवी ने बताया कि मां के पास शब्द नहीं होते जब बेटियां समाज में नाम रोशन करती हैं। शालिनी तीन बहनें और एक भाई है। शालिनी पटेल पढ़ाई के साथ सामाजिक संस्थाओं के लिए भी कार्य करती हैं। महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र बीएचयू से इको स्किल्ड गंगा मित्र होने का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। शालिनी कक्षा सात से ही गरीब बच्चों को निशुल्क ट्यूशन पढ़ाती हैं। आज भी वो समय निकालकर बच्चों को पढ़ाती हैं।
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