नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट, हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जिस स्थान पर शिफ्ट किया जाना है उसके ठीक सामने भू माफिया ने सरकारी घपले की जमीन पर प्लॉट काटकर मुस्लिम बस्ती बसाने की तैयारी है, जिसकी जांच शुरू हो गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जनसंख्या असंतुलन की समस्या पर लगातार बयान दे रहे हैं और यह मामला डेमोग्राफी चेंज से जुड़े होने के साथ-साथ कई अन्य सवाल भी खड़े कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक नैनीताल जिले में लालकुआं विधान सभा क्षेत्र में जनसंख्या असंतुलन और राजनीतिक दांवपेंच का एक सनसनीखेज भूमि खरीद फरोख्त का मामला सामने आया है। इस मामले में कांग्रेस के बड़े नेताओं के खेल के साथ-साथ कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के कारगुजारी भी सामने आई है।
हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जहां नैनीताल हाईकोर्ट के लिए स्थान चयनित किया गया है उसके ठीक सामने प्रस्तावित जू के बराबर में सीलिंग में फंसी 25 बीघा जमीन पर पूरी एक मुस्लिम कॉलोनी बसा दी जाने वाली है। पहली नजर में ही इस कॉलोनी में उत्तराखंड से बाहर के मुस्लिमों को लाकर यहां बसाया जाने का षड्यंत्र दिखाई दे रहा है।
जानकारी के मुताबिक ये भूमि राजस्व विभाग के कब्जे में होनी चाहिए थी, जिसे कांग्रेस के शासनकाल में पार्टी से जुड़े दबंग प्रॉपर्टी डीलरो ने अपनें खास अधिकारियों से मिलजुलकर अपने कब्जे में कर ली और इसकी रजिस्ट्री,फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुस्लिम लोगों के नाम कर दी। ऐसा जानकारी में आया है कि 111 प्लाट इस भूखंड में काटे गए जिसमें से अगले दो प्लॉट अपने पास रखे शेष मुस्लिम समुदाय में बेच दिए गए। ऐसा भी बताया गया कि भू-माफिया से जुड़े प्रॉपर्टी डीलरों को ये बात मालूम थी कि यहां हाईकोर्ट आने वाला है क्योंकि इस बात की चर्चा, भूमि चयन की प्रक्रिया पिछले कई महीनों से चल रही थी।
भेद भी तब खुला जब जमीन पर मुस्लिम समुदाय के कब्जेदार ने अपने मकान बनाने भी शुरू कर दिए तो आसपास के लोगों ने राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद लोगों ने स्थानीय बीजेपी विधायक के संज्ञान में जब ये बात डाली तो उन्हें ये राजनीतिक खेल भी समझ आया। बताया जाता है पूर्व में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के वक्त कांग्रेस के बड़े नेताओं के संरक्षण में 55 बीघा जमीन का ये मामला खुर्दबुर्द किया गया था।
दरअसल लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर रहती आई है, कांग्रेस ने यहां अपना वोट बैंक को बढ़ाने के लिए ये खेल खेला और यहां 25 बीघा जमीन पर 109 मुस्लिम परिवारों को लाकर बसा दिया।
अब जब मामला खुला तो मुख्यमंत्री कार्यालय से इस बारे में जांच पड़ताल करने के लिए कुमाऊं आयुक्त और जिला अधिकारी नैनीताल को निर्देशित किया गया। डीएम ने इस मामले में जांच के लिए एक समिति बना दी।
जानकारी के मुताबिक इसी जमीन से जुड़ी एक और पच्चीस बीघा जमीन को लेकर भी नैनीताल प्रशासन ने कारवाई करके भू माफिया से वापिस कब्जा लेकर उसे सरकारी राजस्व भूमि में दर्ज करवाया और आरोपियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं।
खबर है कि ये कुल जमीन 3.187 एकड़ यानि 55 बीघा है, जिसमें से 25 बीघा सरकार ने अपने कब्जे में ले ली है और बाकि पर बस रही मुस्लिम कॉलोनी को लेकर अब जांच शुरू हो गई है।
ऐसा भी जानकारी में सामने आई है कि इस मामले को दबाने की भी पूरी पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन अब हाईकोर्ट के यहां आने की खबर से ये मामला फिर से सुर्खियों में है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों बार-बार जनसंख्या असंतुलन को लेकर चिंता व्यक्त करते रहे हैं इस तरह के जमीन से जुड़े मामले भी इस समस्या की ओर एक इशारा कर रहे हैं।
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