नेपाल के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में कल चोरी गए सोने की जांच के लिए टीम पहुंची। दरअसल भगवान शिव को अर्पित 103 किलो सोने के श्रृंगार के आभूषणों में से 10 किलो सोना गायब पाया गया था। उस आरोप के बाद खलबली मची और एक जांच कमेटी बैठाई गई। कल रविवार को इस जांच कमेटी ने काठमांडू स्थित मंदिर परिसर में जांच शुरू की है।
पशुपतिनाथ मंदिर में जांच शुरू होने से पूर्व वहां सुरक्षा का जबरदस्त इंतजाम किया गया था। नेपाल सेना के जवानों और पुलिस की मौजूदगी में कमेटी के सदस्य मंदिर पहुंचे थे। हालांकि देर रात तक भक्तों के लिए मंदिर के पट बंद करने की खबर सुनकर अनेक श्रद्धालुओं ने इसका विरोध भी किया था।
उल्लेखनीय है कि हिमालयी देश नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित विश्व भर में श्रद्धा से पूजे जाने वाले भगवान पशुपतिनाथ के दिव्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर में 103 किलो सोचे के आभूषण बनाए जाने थे, लेकिन उसमें से 10 किलो सोना गायब होने की सूचना दी गई थी। सोने की चोरी संबंधी रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार रोधी विभाग ने जांच शुरू करने से पूर्व कल मंदिर का पूरा परिसर अपने नियंत्रण में ले लिया था। कल इसी वजह से श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। इससे दैनिक पूजा—अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं को कष्ट हुआ और उन्होंने इसका विरोध भी किया।
पशुपति क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने शिकायत की थी कि भगवान शिव के जलाहारी नाम के आभूषण को बनाने के लिए 103 किलोग्राम सोना खरीदा था, लेकिन जो आभूषण बनकर आया उसमें 10 किलो सोना कम पाया गया। पशुपति क्षेत्र विकास प्राधिकरण का कहना है, गुणवत्ता के साथ ही तोल की भी जांच करने की दृष्टि से भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी ने आभूषण को अपने कब्जे में ले लिया।
नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यही वजह है कि यहां से 10 किलो सोना गायब हो जाने की खबर से वहां की संसद में भी सवाल उठा था। सरकार ने मामला बढ़ता देखकर भ्रष्टाचार निरोधी ‘सीआईएए’ आयोग से पूरे मामले की जांच करने को कहा थ। भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी सीआईएए नेपाल की इस संबंध में सबसे बड़ी एजेंसी मानी जाती है।
दरअसल, पशुपति क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने शिकायत की थी कि भगवान शिव के जलाहारी नाम के आभूषण को बनाने के लिए 103 किलोग्राम सोना खरीदा था, लेकिन जो आभूषण बनकर आया उसमें 10 किलो सोना कम पाया गया। पशुपति क्षेत्र विकास प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक श्री घनश्याम खातीवाड़ा का कहना है कि सोना ‘गायब’ होने की बात पर पशुपतिनाथ के जलाहारी आभूषण की गुणवत्ता के साथ ही तोल की भी जांच करने की दृष्टि से भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसी ने आभूषण को अपने कब्जे में ले लिया।
पशुपतिनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए वहां पुलिस के अलावा नेपाल सेना के जवानों को तैनात किया गया था। बताया गया है कि कल स्थानीय समयानुसार दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद से भक्तों का मंदिर में प्रवेश करना बंद कर दिया गया था। प्रवेश पर यह प्रतिबंध वहां आधी रात तक रहा।
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