कर्नाटक : पाठ्यक्रम से वीर सावरकर और हेडगेवार को हटाने के बाद 18 और बदलाव करेगी कांग्रेस सरकार

10वीं कक्षा की कन्नड़ की किताब से हिंदुत्व विचारक चक्रवर्ती सुलिबेले के एक गद्य 'तायी भारतीय अमरा पुत्रारू' को हटा दिया गया है।

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WEB DESK

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार स्कूलों के पाठ्यक्रम में लगातार बदलाव कर रही है। पहले वीर सावरकर और हेडगेवार को किताबों से हटा चुकी है। अब कक्षा 6 से 10 के लिए कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान विषयों में 18 बड़े बदलावों का आदेश दिया है। कर्नाटक टेक्स्ट बुक सोसाइटी की तरफ से जारी किए गए संशोधनों के अनुसार कांग्रेस सरकार ने 10वीं कक्षा की कन्नड़ पाठ्यपुस्तक से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक श्री केबी हेडगेवार के चैप्टर को बदल दिया है। वहीं, 8वीं कक्षा की कन्नड़ भाषा की पुस्तक से वीडी सावरकर की कविता को भी हटा दिया है।

कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने बीते गुरुवार को बताया कि भाजपा सरकार ने 2022 में पाठ्यक्रम में जो बदलाव किए थे। उन्हें फिर से बदल दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने पिछले साल जो भी संशोधन किए हैं, हमने उन्हें बदल दिया है। बच्चों के हित में हमने कक्षा 6 से 10 तक कन्नड़ भाषा में और कक्षा 6 से 10 तक सामाजिक विज्ञान में बदलाव किए हैं।’

मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कक्षा 8 की कन्नड़ की किताब में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के चैप्टर को फिर से जोड़ा है। शतवधानी आर गणेश की ‘श्रेष्ठ भारतीय चिंतागालु’ को कक्षा 10 की कन्नड़ की किताब में सारा अबूबकर की ‘युधा’ से बदल दिया गया है। ऐसे ही हिंदुत्व विचारक चक्रवर्ती सुलिबेले के एक गद्य ‘तायी भारतीय अमरा पुत्रारू’ को भी हटा दिया गया है।

कांग्रेस सरकार ने इसके अलावा कक्षा 6 की सामाजिक विज्ञान में भी कई बदलाव किए हैं। कक्षा 7 की सामाजिक विज्ञान के सिलेबस में रियासतों के पाठ में वाडियार राजाओं, सर एम विश्वेश्वरैया और सर मिर्जा इस्माइल पर महिला समाज सुधारकों और महिला स्वतंत्रता सेनानियों पर घटकों को जोड़ा है। ऐसे ही 10वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक से भी कुछ भाग हटाए गए हैं।

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