जयंत सहस्रबुद्धे में थी विज्ञान को सरल भाषा में समझाने की कला: दत्तात्रेय होसबाले

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि जयंत सहस्रबुद्धे के उद्बोधनों में हमेशा नयापन रहता था

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WEB DESK

नई दिल्ली। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे की याद में गुरुवार को कॉनस्टीट्यूशन क्लब में श्रद्धा़ंजलि सभा का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि जयंत सहस्रबुद्धे का हमारे बीच न होना दुख की बात है। उनके दिखाए रास्ते पर हमें चलने की जरूरत है। उनमें विज्ञान को सरल भाषा में समझाने की कला थी। उनके उद्बोधनों में हमेशा नयापन रहता था।

सुनील आंबेकर ने कहा कि स्वर्गीय जयंत सहस्रबुद्धे विज्ञान प्रेमी थी। उन्होंने विज्ञान के जरिए देश को जोड़ने का काम किया। समाज को अभी जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे की बहुत जरूरत थी। उनका अचानक चले जाना हमारे लिए बड़ी हानि है। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। विज्ञान जगत को उनके दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे को याद करते हुए कहा कि उन्होंने विज्ञान के प्रचार-प्रसार में बड़ा काम किया था। उन्होंने प्राचीन विज्ञान को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने की दिशा में व्यापक स्तर पर काम किया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में वैज्ञानिकों के योगदान को रेखांकित करने का भी काम किया।

विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक जयंत श्रीकांत सहस्रबुद्धे का मुम्बई में 2 जून की प्रात: 4 बजे निधन हो गया। पिछले वर्ष तीन सितंबर को सड़क दुर्घटना के बाद से उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने विज्ञान भारती का कार्य विश्व पटल पर लाने में अहम् भूमिका निभाई थी। इनका जन्म 17 अप्रैल 1966 मे गिरगांव (मुंबई) में हुआ था।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

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