नई दिल्ली। गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट में तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध किया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि जमानत मिलने पर वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकती हैं। गुजरात सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि तीस्ता टूलकिट की तरह काम कर रही थीं और कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल से उन्हें तीस लाख रुपये मिले थे। तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने गुजरात दंगों के मामले में गिरफ्तार किया है।
गुजरात सरकार के वकील मितेश अमीन ने कोर्ट में कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ पर जो केस चल रहा है वह सबूतों से छेड़छाड़ और प्रोपेगेंडा चलाने का है। ऐसे में उन्हें जमानत न दी जाए। तीस्ता को 30 लाख रुपये अहमद पटेल की ओर से इसलिए दिए गए थे ताकि गोधरा दंगों (वर्ष 2002) के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार को अस्थिर किया जा सके। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
सरकार की ओर से कोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ एक नेता के लिए टूल के तौर पर काम कर रही थीं। एसआईटी को सबूत मिले हैं कि उन्हें एक राजनीतिक पार्टी के नेता से आर्थिक लाभ मिला था। एक गवाह ने भी तीस्ता के साजिश में शामिल होने की बात कही है। गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने सत्र न्यायालय में भी तीस्ता की जमानत का विरोध किया था।
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