गुजरात के 7 जिलों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। कच्छ के जखौ बंदरगाह पर इसके लैंडफॉल की प्रबल संभावना जताई जा रही है। मंगलवार रात्रि इसकी दिशा उत्तर-पूर्व होने की संभावना है। तूफान अभी पोरबंदर से 300 किलोमीटर, जखौ से 310 और द्वारका से 280 किलोमीटर की दूरी पर है। फिलहाल यह 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
चक्रवाती तूफान के संभावित खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के तटवर्ती इलाकों में लोगों के जानमाल की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के साथ दूसरी तमाम तरह की तैयारियां की हैं। केन्द्र और राज्य सरकार के मंत्री गुजरात के 6 जिलों में कैंप किए हुए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री समेत राज्य के सभी आलाधिकारी दिन-रात हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने मंगलवार को बताया कि गुजरात में ‘बिपरजॉय’ चक्रवात से जनहानि को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूरी सतर्कता बरती जा रही है। मुख्य सचिव राजकुमार ने मंगलवार को गांधीनगर से तटवर्ती जिलों कच्छ, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी तथा राजकोट जिलों के प्रभारी मंत्रियों, प्रभारी सचिवों, जिलाधीशों एवं जिला प्रशासन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बचाव-राहत कार्यों की स्थिति का जायजा लिया तथा आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
जिसमें कच्छ से केंद्रीय मंत्री मनसुखभाई मांडविया, मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल, राज्यमंत्री प्रफुल्लभाई पानशेरिया, मोरबी से मंत्री कनुभाई देसाई, राजकोट से मंत्री राघवजीभाई पटेल और पोरबंदर से मंत्री कुंवरजीभाई बावलिया ने उपस्थित रहकर आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
राहत आयुक्त पांडे ने जिला प्रशासन की तैयारियों और समीक्षा बैठक में कहा कि हताहतों की संख्या और नुकसान को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के कार्य पर काफी जोर दिया जा रहा है। प्रभावित जिलों से अब तक 20 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य फिलहाल जारी है जो आज शाम तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि जूनागढ़ जिले में अब तक 500, कच्छ में 6786, जामनगर में 1500, पोरबंदर में 543, द्वारका में 4820, गिर सोमनाथ में 408, मोरबी में 2000 और राजकोट में 4031 समेत कुल मिलाकर 20588 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत आयुक्त ने कहा कि चक्रवात प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की कच्छ में 4, देवभूमि द्वारका में 3, राजकोट में 3, जामनगर में 2 तथा जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी तथा वलसाड में एक-एक टीम तैनात की गयी है। इसके अलावा वडोदरा में 3 और गांधीनगर में 1 टीम को रिजर्व रखा गया है। एसडीआरएफ की कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका में दो-दो टीमें हैं, जबकि जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी, पाटण तथा बनासकांठा में एक-एक टीम तैनात है। इसके अलावा सूरत में एक टीम को रिजर्व रखा गया है।
चक्रवात के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए पश्चिम गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) की टीमों द्वारा बिजली खंभों सहित आवश्यक उपकरण सब स्टेशनों में उपलब्ध कराए गए हैं। पांडे ने कहा कि प्रभावित तटीय जिलों में सरकारी स्कूलों-कार्यालयों में सुरक्षित स्थानों पर शेल्टर होम तैयार किए गये हैं। जहां रहने, खाने और दवा सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। इसके अलावा आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी व निजी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में मेडिकल स्टाफ व दवा सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है।
मौसम विभाग द्वारा तूफान की अग्रिम चेतावनी के बाद मछुआरे सकुशल लौट आए हैं। पांडेय ने बताया कि राज्य सरकार बचाव कार्य के लिए संबंधित जिला प्रशासन को तत्काल सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए लगातार संपर्क में है।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
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