अमेरिकी सरकार ने भारत में जीई इंजन निर्माण के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) को हरी झंडी दे दी है, जिससे लगभग 500-600 भारतीय लघु उद्योग लाभान्वित हो सकते हैं। अब इसके बाद अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) भारत में इंजनों के निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ अनुबंध करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 21-24 जून को होने वाली यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ भारत को जेट इंजन निर्माण तकनीक हस्तांतरित करने के इस ऐतिहासिक रक्षा सौदे की घोषणा होने की संभावना है।
भारत में फाइटर जेट इंजन बनाने की जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) की योजना को कई माह से अंतिम रूप दिया जा रहा है। कई अरब डॉलर का यह सौदा अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन की भारत यात्रा के दौरान आगे बढ़ा है, क्योंकि अमेरिकी सरकार ने भारत में जीई इंजन निर्माण के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) को हरी झंडी दे दी है। जीई एचएएल के साथ भारत में जेट इंजन का उत्पादन करने के लिए साझेदारी करेगा, जिसे प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले अंतिम रूप दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समझौते से 600 एमएसएमई लाभान्वित हो सकते हैं।
अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन लॉयड 5-6 जून को भारत की यात्रा पर आए और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ राष्ट्रीय राजधानी के मानेकशॉ सेंटर में द्विपक्षीय बैठक की। ऑस्टिन की यह यात्रा प्रमुख रूप से भारत-अमेरिका के नए रक्षा नवाचार, औद्योगिक सहयोग की पहल को आगे बढ़ाने, अमेरिका और भारतीय सेनाओं के बीच परिचालन सहयोग का विस्तार करने के प्रयासों को जारी रखने पर केंद्रित रही। अमेरिकी रक्षा सचिव की यह यात्रा इसलिए भी अहम रही, क्योंकि अगले माह प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राजकीय यात्रा प्रस्तावित है। अमेरिकी सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद फाइटर जेट इंजन सौदे की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान किए जाने की संभावना है।
दरअसल, ओहियो स्थित जीई की सहायक कंपनी जीई एयरोस्पेस भारत में फाइटर जेट इंजन बनाने की प्रौद्योगिकी विकसित करने की योजना पर भारत के साथ एक साल से अधिक समय से चर्चा कर रही है। इस साल जनवरी में व्हाइट हाउस को भारत में संयुक्त रूप से इंजन बनाने के लिए जीई का एक आवेदन मिला था। वाशिंगटन डीसी में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन पहले दौर की वार्ता कर चुके हैं। जीई के एफ-414 जेट इंजनों का निर्माण भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर योजना’ के तहत स्वदेशी लड़ाकू विमान लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-2 की ताकत बढ़ाने के लिए है। एलसीए मार्क-1 जीई कंपनी के एफ-404 इंजन से ही संचालित हैं।
अब भारत में जीई के साथ बनने वाले एफ-414 जेट इंजनों को एलसीए मार्क-2 के अलावा पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) में भी लगाए जाने की योजना है। साथ ही विदेशी निर्माताओं के साथ मिलकर 114 मल्टीरोल फाइटर जेट विकसित करने पर भी विचार किया जा रहा है। अमेरिका भी भारत के साथ जेट इंजन प्रौद्योगिकी के पूर्ण हस्तांतरण के लिए तैयार है। इसकी घोषणा अमेरिकी वायु सेना के सचिव फ्रैंक केंडल ने इसी साल मार्च में अपनी भारत यात्रा के दौरान एनएसए डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान की थी। अब फाइटर जेट इंजन सौदे की घोषणा होने से एएमसीए का रास्ता साफ़ हो जाएगा।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
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