पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा के लिए हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। कोते दी आईवर नीदरलैंड की साझेदारी में विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के लिए मेजबान देश है जिसकी थीम है- बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन।
दरअसल, वैश्विक मंच पर पर्यावरण संबंधी चिंताओं को रेखांकित कर उसके समाधान की रूपरेखा तय करने में इस आयोजन का खास महत्व है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण के प्रति जन जागरुकता लाने के लिए 1972 में इसकी घोषणा की थी। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया जिसकी थीम थी- ओनली वन अर्थ। जिसमें 119 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
इससे पहले 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन किया गया, जिसमें चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण का सुझाव सामने आया। इसके अगले साल ही इसे मनाया जाना शुरू हो गया। इसके आयोजन के लिए हर वर्ष अलग-अलग देशों को चुना जाता है। इसमें हर साल 143 से अधिक देश भाग लेते हैं और पर्यावरण सुरक्षा व उसके समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हैं।
अन्य अहम घटनाएंः
1823 : सिंगापुर के संस्थापक सर स्टैमफोर्ड राफल्स द्वारा सिंगापुर इंस्टीट्यूशन के रूप में रैफल्स इंस्टीट्यूशन की स्थापना।
1827 : ग्रीक की आजादी की लड़ाई में तुर्कों ने एक्रोपोलिस व एथेंस पर कब्जा किया।
1915 : डेनमार्क ने अपने संविधान में संशोधन कर महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया।
1942 : अमेरिका ने बुल्गारिया, हंगरी व रोमानिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1945 : मित्र देशों की नियंत्रण परिषद् ने जर्मनी पर नियंत्रण किया।
1984 : भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया।
1990 : सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव को नोबेल शांति पुरस्कार।
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