वाराणसी। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। इससे साधु-संतों में नाराजगी है। स्वामी प्रसाद मौर्या ने ट्वीट किया कि रामराज धोखा है। पहले भी रामराज के नाम पर एकलव्य का अंगूठा काटा गया। अब दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण काटा जा रहा है। जागो सावधान हो जाओ…रामराज हटाओ और आरक्षण बचाओ। इस ट्वीट को लेकर संतों में नाराजगी है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। संतों ने बुधवार को बुद्धि-शुद्धि यज्ञ भी किया। इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने मानस को प्रतिबंधित करने की मांग भी की थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 18 मई को ट्वीट किया था- रामराज धोखा है, पहले भी रामराज के नाम पर कभी शम्बूक का सिर काटा गया तो कभी एकलव्य का अंगूठा और अब दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों का आरक्षण काटा जा रहा है, यानी संविधान प्रदत्त आरक्षण खत्म किया जा रहा है। जागो सावधान हो जाओ। रामराज हटाओ-आरक्षण बचाओ।
उनके इस विवादित बयान को लेकर काशी के संतों में नाराजगी बढ़ रही है। संतों ने मौर्य के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर बुधवार को बुद्धि-शुद्धि यज्ञ भी किया। अस्सी डुमराव बाग स्थित काशी सुमेरूपीठ में जुटे संतों ने पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती के अगुवाई में बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया।
रामराज धोखा है, पहले भी रामराज के नाम पर कभी शम्बूक का सिर काटा गया तो कभी एकलव्य का अंगूठा और अब दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों का आरक्षण काटा जा रहा है, यानी संविधान प्रदत्त आरक्षण खत्म किया जा रहा है। जागो सावधान हो जाओ। रामराज हटाओ-आरक्षण बचाओ। pic.twitter.com/hhESmDzy1z
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) May 18, 2023
स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि इस समय बहुत से ऐसे लोग हैं, जो विवादित बयान देकर देश और समाज में माहौल खराब करना चाहते हैं। ऐसे राजनीतिज्ञों का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। ऐसे व्यक्ति पर राष्ट्रदोह का मुकदमा दर्ज कर जेल में भेज देना चाहिए। स्वामी प्रसाद 10 जन्म जन्म लेंगे तब उन्हें सनातन धर्म की समझ होगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्र का विकास, उत्कर्ष, भारत विजयी हो और प्रदेश के नेताओं के बुद्धि के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया गया। देश में शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का पाठ भी किया गया।
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