अतीक की बहन आयशा नूरी ने जनपद न्यायालय में आत्मसमर्पण का प्रार्थना पत्र दिया है। प्रयागराज जनपद के धूमनगंज थाने की पुलिस ने आयशा नूरी के खिलाफ साक्ष्य संकलित कर लिए हैं। न्यायालय ने 25 मई की तारीख तय की है। उमेश पाल की हत्या के बाद गुड्डू बमबाज मेरठ पहुंचा था। वहां पर अतीक के बहनोई अखलाक ने गुड्डू बमबाज को अपने घर में शरण दी थी और उसकी आर्थिक सहायता भी की थी। सीसीटीवी फुटेज में अख़लाक़ और आयशा नूरी, गुड्डू बमबाज से मिलते हुए साफ देखे गए थे।
गत 24 फरवरी को प्रयागराज जनपद के धूमनगंज थाना अंतर्गत उमेश पाल को घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल, बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। इस हमले में दोनों गनर की भी मृत्यु हो गई थी। राजू पाल की हत्या के मुकदमे की सुनवाई काफी तीव्र गति से चल रही है। इसी दौरान 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हो गई। वर्ष 2005 में जब विधायक राजू पाल की हत्या के मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई तो सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए थे. जिस समय मुकदमे की सुनवाई हो रही थी। उस समय सपा का शासनकाल था। उसके बाद राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि सपा के शासनकाल में अभियुक्तगण अत्यंत प्रभावी हैं इसलिए ट्रायल पर रोक लगा दी जाए। उच्च न्यायालय ने ट्रायल पर रोक लगा दी थी।
जैसे ही बसपा की सरकार वर्ष 2007 में बनी। अतीक अहमद और उसके भाई के खिलाफ मुक़दमे दर्ज किये गए। राजू पाल हत्याकांड के गवाह जो कोर्ट में मुकर गए थे, उन सब ने थाने में एफआईआर लिखवाया कि उनका अपहरण कर लिया गया था और यह कहा गया था कि कोर्ट में अगर नहीं मुकरोगे तो जान से मार दिए जाओगे, इसलिए जान के डर से कोर्ट में बयान से मुकरना पड़ा था, राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल समेत अन्य कई लोगों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था।
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